क्राइम

की रात सालगढ़ की दुकान में चोरी, कैमरे में कैद हुई मोबाइल साड़ी घटना, सुरक्षा पर उठे कई सवाल

वर्षगाठ की रात को एक बड़ी चोरी की घटना हुई, जिसने इलाके की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वर्षगढ़ के प्रतिष्ठित मोबाइल दुकानदार मनीष गर्ग ने स्थानीय18 बताया गया कि उनकी दुकान, जो उनके भाई दीपक गर्ग की है और जहां वह किराए पर रहते थे, रात 3:30 बजे के करीब चोरी हो गई। मनीष के अनुसार, चहल-पहल के बीच में लाखों की संपत्ति चुरा ली गई।

कैमरे में कैद हुई घटना
मनीष गर्ग ने बताया कि उन्होंने अपने फोन पर सीसीटीवी कैमरे की बंदूक की चोरी का दृश्य देखा। कैमरे के साक्ष्य में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पत्थरों ने वीवो, बेकरी, टॉयलेट और सामान जैसे सुपरमार्केट मोबाइल चोरी कर पूरी तरह से खाली कर दिया। चोरी की घटना को मोटरबाइक चलाने तक लगभग एक घंटे से भी अधिक समय लगा, जिसमें यह बताया गया है कि मोटरबाइक को किसी का भी डर नहीं था। उनके दस्तावेज़ और निर्भिकता को देखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न उठाने का मन बनाया गया।

20 लाख रुपये का नुकसान
चोरी से हुए नुकसान का अनुमान लगभग 20 लाख रुपये है। मनीष ने बताया कि चोर काउंटर में राक्षसी राक्षस भी चोरी कर ले गए थे। इसके अलावा, चोरी से जुड़ी सभी सरकारी कंपनियों को घाटा हुआ और बढ़ा दिया गया। मनीष गर्ग ने जब सुबह पुलिस को सूचना दी तो पुलिस कर्मियों ने एक घंटे की कार्रवाई की, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।

शैतान का निडर व्यवहार
चोर सफेद रंग की नई स्विफ्ट गाड़ी में आए थे, नंबर प्लेट नहीं थी। मनीषी के अनुसार, चार लोगों की यह टोली एक घंटे तक चली, जब तक कि निर्भीक ने शटर शटर को तोड़ने की कोशिश नहीं की और अंततः सफल हो गया। जानवरों के निर्भिक व्यवहार ने आस-पास के अन्य साहिल के मन में भी सुरक्षा को लेकर संदेह उत्पन्न कर दिया है। मनीष ने बताया कि राक्षस के इस निर्भीक व्यवहार से स्पष्ट है कि बदमाशों की गोलियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है।

सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न
मनीष गर्ग की दुकान वर्षगढ़ तहसील से 200 मीटर, पुलिस स्टेशन से 300 मीटर, और बेकारी कार्यालय से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। इन महत्वपूर्ण अभिलेखों के सबसे स्पष्ट रहस्यों का पता चलता है, इस प्रकार निर्भिक स्टेयरिंग सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर सामी की ओर इशारा करता है। मनीष ने कहा कि इस घटना पर पुलिस की सक्रियता और सुरक्षा पर सवाल उठाए गए हैं। जैसी रात को, जब लोगों की मान्यताएं अधिक होती हैं, तब भी इस तरह की घटना होती है, जिससे पुलिस में कमी आती है।

सात सांझ का विश्वास
मनीष गर्ग की यह दुकान पिछले सात साल से भी अधिक समय से स्थापित है, और इस घटना ने उनके विश्वास को हिला दिया है। मनीष ने कहा कि इस चोरी ने न केवल उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उनके मन में सुरक्षा को लेकर भी संदेह पैदा किया गया है। यह घटना उनके लिए वित्तीय और मानसिक दोनों प्रकार का एक उपाय है। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द सामान और चोरी का सामान बरामद करने की मांग की है।

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