बिहार

कम खर्च में आलू से बनाएं बंपर निर्माण तो ऐसे करें खेती, कृषि वैज्ञानिकों से समझें आलू और सलाह के टिप्स

संस्था : दुनिया के 150 देशों में आलू की खेती की जाती है। आलू एक ऐसी फसल है जो विविध और जलवायुयुक्त मिट्टी के टुकड़ों में पाई जा सकती है, इसलिए यह विश्वभर में व्यापक रूप से लोकप्रिय है। मुख्य आलू उत्पादक देश चीन और भारत विश्व के सबसे बड़े आलू उत्पादक देश हैं। लेकिन जब बात बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों की हो तो इस साल 15 नवंबर से पहले यहां आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है। इतना ही नहीं किसान भाई अगर समय का पूरा इंतजाम तो झुलसा पाला बर्तनों से भी बाहर मिल जाएगा .तो कैसे करें? किन-किन बातों की रिकॉर्डिंग प्रक्रिया आपके लिए उपलब्ध हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर, दुकानदारों के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ. लोकल 18 बिहार के माध्यम से किसानों को बताया गया कि छठ के खत्म होने के बाद किसान भाई आलू की खेती 15 नवंबर से शुरू कर सकते हैं।

वास्तव में तैयारी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है
किसान अजय कुमार ने पहले बताया था कि मैं आलू की खेती नहीं करता था। बीज की कीमत उत्पाद पर नहीं मिल पाती है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि वैज्ञानिक की मिट्टी को तैयार करना बेहद जरूरी है। इसके बाद किसान गणित से या पोटेटो मशीन का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसे निर्दिष्ट में बेहतर तरीके से उत्पाद मिल की सलाह दी गई। बस मशीन से बटाई के दौरान डीप क्लिनिक अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बीज उपचार करने से सफल रहेगा निरोग
कृषि वैज्ञानिक डाॅ. पाम ने बताया कि बीज उपचार के लिए साक्षा नामक औषधि बाजार में इसका प्रयोग किया जा सकता है। किसान इसका प्रयोग करने के लिए इसे 2 ग्राम औषधि एक किलो पानी में कुल 15 से 20 मिनट तक एक मिनट तक उपयोग कर सकते हैं। इससे फल निरोगी रहेगा.

इन आदेशों का प्रयोग करें
किसान भाई आलू की खेती में विभिन्नताओं के प्रयोग के अनुसार 150:90: 100 एनपीके का प्रयोग करें तो बेहतर उत्पादन मिल जाएगा। इसके अलावा किसानों के लिए एक हेक्टेयर में 25 आलू ही बीज के रूप में प्रयोग करें। उन्नत प्रभेद में कुफरी अलंकार, कुफरी पुखराज, कुफरी चंद्रामुखी, कुफरी अशोका, कुफरी जवाहर बागवान किसानों द्वारा काफी पसंद किये जाते हैं।

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