चिरचिरा का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है, सूजन को कम कर दांतों को मजबूत रखता है, इसका धार्मिक महत्व है
जयपुर. बंजर भूमि और खेतों में आसानी से उगने वाला पौधा चिरचिरा आयुर्वेदिक गुणो से भरपूर है. इसके बारे में किसानों को कम जानकारी होने के कारण इस पौधे को अपने खेतों से हटा देते हैं, लेकिन यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. किशन लाल ने लोकल 18 को बताया कि चिरचिरा के पौधा का जड़, तना, फल और पत्तियां सभी औषधियां गुणों से भरपूर होते हैं. इस पौधे का उपयोग आयुर्वेद में दवा बनाने के लिए किया जाता रहा है.
इस पौधे का तना ज्यादा बड़ा नहीं होता है. इसके फूल लाल और सफेद रंग होता है. अलग-अलग क्षेत्र में चिरचिरा को कई नाम से जाना जाता है. यह डंठल के रूप में विकसित होता है, जिस पर छोटे-छोटे बीजों की तरह फल उगते हैं. इस पौधे की जड़ से बना काढा कई बीमारियों के निदान के काम में लिया जाता है. सांप के काटने पर इस पौधे का लेप करने से आराम मिलता है. इस पौधे को सकारात्मक ऊर्जा वाला पौधा माना जाता है. चिरचिरा का पौधा झाड़ियों की तरह दिखता है. इसे लटजीरा चिचड़ा जैसे नामों से भी जाना जाता है.
औषधीय गुणों से भरपूर है चिरचिरा
बरसात में खरपतवार की तरह दिखने वाले चिरचिरा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. आयुर्वेदिक डॉ. किशन लाल बताते हैं कि चिरचिरा का पौधे की जड़, तना और फल आयुर्वेद में दवा के रूप में किया जाता है. चिरचिरा का पौधे अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं. चिरचिरा के पौधे में अनेक औषधीय गुण मौजूद है. यह पौधा मूत्र रोग, सर्दी-खांसी, पाचन की समस्याएं, मुंह के छाले इलाज में रामबाण औषधि का काम करता है. वहीं चिरचिरा में मौजूद औषधीय तत्व शरीर की सूजन मिटाने में सहायक माना जाता है. चिरचिरा कई बिमारियों के निदान में सहायक माना जाता है. इससे बवासीर, खांसी, अस्थमा, एनीमिया, पीलिया और सांप के काटने में प्रयोग किया जाता है. वहीं चिरचिरा के जड़ से दातून करने पर दांतों की जड़ें मज़बूत होती है और दांत स्वस्थ होते हैं.
चिरचिरा का है विशेष धार्मिक महत्व
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने लोकल 18 को बताया कि चिरचिरा का पौधा घर में सकारात्मकता उर्जा लाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. इसे भाग्य उदय वाला पौधा माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद चिरचिरा को घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है. इस पौधे को पानी में घिसने से वशीकरण शक्ति मिलती है. रवि-पुष्य योग में इस पौधे की जड़ बांधकर शांति और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है.
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पहले प्रकाशित : 6 नवंबर, 2024, रात 8:03 बजे IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.