बुधनी उपचुनाव: टिकट पर रमाकांत टैगोर को, दांव पर शिवराज सिंह चौहान की साख, जानें बीजेपी के लिए क्यों है खास बुधनी
भोपाल। मध्य प्रदेश के बुधनी में 13 नवंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री और सेंचुरी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साख दांव पर लग रहा है। बुधनी से राजकुमार के पुत्र कार्तिकेय को तो टिकटें नहीं मिलीं, लेकिन बुधनी से उनके अत्यंत करीबी रामाकांत टैगोर को टिकटें मिलीं। चुनौती दे रहे हैं कांग्रेस के राजकुमार पटेल, जो बुधनी से तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के नामांकन की वजह से उनकी परंपरागत बुधनी सीट पर भव्यता आ रही है। उन्होंने कहा कि बुधनी क्षेत्र मेरा मंदिर है। इसमें रहने वाली जनता मेरे भगवान हैं और उनके पुजारी युवराज सिंह चौहान हैं। ये मेरा परिवार है. कोई भाँजा है तो कोई भाँजी है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ये बड़ी पसंदीदा बोली है वो बुधनी ज्वालामुखी की रैली में पूरे जोश के साथ बोल रहे हैं. झारखंड के चुनाव से समय पूर्वी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश आये। अवसर मिला तो हमेशा की तरह उपाय भी। ऐसा ही एक फलदार मशाल रथ है, जो 1990 में बुधनी में रोपा गया था, जिसने 6 बार शिवराज सिंह चौहान को वामपंथी फल बागे से जोड़ा था।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि परिवार की जगह हमारे जैसे प्रमुख भवनों को मौका मिलता है। ये है हमारी बीजेपी. ये है हमारे युवराज सिंह चौहान की भावना। आज व्यावसायिक अवसर मिला है, कल किसी और को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने भले ही कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने परिवार के बजाय बुधनी में एक कार्यकर्ता को मौका दिया, लेकिन चुनावी प्रचार की कमान में शिवराज के सितारे कार्तिकेय सहायक बने हुए हैं।
दिलचस्प है बुधनी की लड़ाई
बुधनी मंडल की दिलचस्प पृष्ठभूमि यह है कि सामने मैदान में तो रमाकांत टैगोर हैं लेकिन प्रतिष्ठा का दांव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है। यही वजह है कि इलेक्शन प्रमोशन का पूरा समर्थन उनके बेटे कार्तिकेय ने किया है। सुबह से लेकर शाम तक कार्तिकेय बुदनी में प्रचार कर रहे हैं।
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पहले प्रकाशित : 7 नवंबर, 2024, 17:30 IST