उत्तर प्रदेश

टूटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के बाद सीएम योगी ने बिल्कुल सही बदला दांव, नया नारा कैसे बढ़ाया जाएगा अखिलेश-सपा की बचैनी

बंटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के नारों के बाद सीएम योगी आदिमानव ने शुक्रवार को एक नया नारा दिया.. जो है ‘जहाँ देखो एसपीए, वहाँ बिटिया डराई..’ जहां यूपी के साथ हैं विधानसभा और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी सीएम योगी के इन नारों की पहले से ढाक दर्शन को मिल रही है.. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ के इस नए नारे ने यूपी चुनाव में अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले की काट के लिए बीजेपी को नया हथियार दिया है . ऐसा भी माना जा रहा है, उनके पहले दो नारे छापे जहां पूरी तरह से जोड़ों को जोड़ने की कविता में फिट साबित हो रहे हैं, वहीं वे मजबूती के साथ कास्ट के खिलाफ भी उपयोगी साबित हो सकते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव में पीडीए फॉर्मूले के बल पर यूपी में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली सपा को चुनावी मैदान में उतारने के लिए अब सीएम योगी ‘सपा के पुराने इतिहास’ को लेकर उसी के खिलाफ रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये बात इस नारा से साफ साबित होती दिख रही है.

असल में सीएम योगी का नया नारा क्या है?
सबसे पहले आपको बता दें कि सीएम योगी ने ये नया नारा कहां और किसलिए दिया था। वह आंध्र प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव प्रचार के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे थे। यहां जनता को दर्शाया गया है और विचारधारा में समाजवादी पार्टी पर ज़ोरदार हमला बोला गया है। सपा की ओर से किए गए विरोध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां सपाई, वहां बिटिया चिंतित.. यानी समाजवादी पार्टी के लोगों को देखने वाली बेटियां चिंतित हैं। आगे उनका कहना है कि ‘2012 से 2017 के बीच एक नारा चला था, जिसमें कहा गया था कि जिस गाड़ी पर एसपी का झंडा है, समझो कोई गुंडा है। भाइयों और बहनों आज मैं कह सकता हूँ कि, जहाँ देखो मसाले, वहाँ बिटिया चिंताएँ। इन कारनामों को आपने देखा होगा. अयोध्या में देखा दृश्य देखा, अयोध्या में देखा होगा। कोई लोकलाज नहीं. ये आस्था से जुड़ने वाले लोग हैं. ये बेटी और बहन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले लोग हैं।’

ये चुनाव, बीजेपी नारे को तैयार कर रहे हैं आगे का रस?
इसी तरह यूपी में ‘नारे के बदले नारे’ की चल रही वॉर में एक नया हथियार इस नारे के जरिए दिया गया है। भागेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के जरिए जहां उनका मकसद या संदेश संदेश को एक करना है, वहीं पार्टी के हिंदू विचारधारा को भी आगे बढ़ाना है। वाल्ला राम मंदिर, कश्मीर से धारा 377 हटाएं सरीखे बड़ा मुद्दा पूरे हो जाने के बाद अब बीजेपी को ऐसे अनुयायियों की तलाश है, जो आगे चलकर जनता के बीच ले जाए। ऐसे में सीएम योगी के साथ ही मोदी भी मथुरा, काशी की बात अपनी रैली में करते दिख रहे हैं। लेकिन भारतीय गठबंधन ने विशेष रूप से गठबंधन का पीडीए फॉर्मूले में अपने इन उप चुनाव में बड़ा रोडा बनाया दिख रहा है.. अपना काट देना चाहिए। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद सपाई पीडीए के बल पर इन उप चुनावों में जीत को लेकर बेहद स्थिर हैं। जहां सीएम योगी ने नया निर्देश दिया है, वहीं उनकी पार्टी के लिए समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर से आए दिन नया नारा सुदा पो आदर्शार प्रदेश भर में विदेश के बाहर दिया गया है।

प्रभावशाली प्रभावशाली लोगन-लाइन…देखें भी फॉलो कर रहे हैं
लेकिन सीएम योगी के पास भी कोई जगह नहीं है. वो एक के बाद एक साहसी नारे ले आए हैं.. जैसे एक हैं तो सेफ हैं, का नारा सीएम योगी ने सबसे पहले महासमुंद में ही दिया था. यहां टुकड़ों में कहा गया था कि बंटिए मत, क्योंकि हम जब भी टूटे थे तो कटे थे.. हम एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। उनके इस नारे का व्यंग्यात्मक रूप से असर देखा गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नारे को रहस्योद्घाटन किया। इससे पहले भी हरियाणा चुनाव के दौरान बटेंगे तो कटेंगे का नारा योगी आदित्यनाथ ने दिया था, जो बहुत हिट हुआ और नतीजा बीजेपी के पक्ष में आया। वो भी इंकलाब एंटी इंकम्बेंसी के बावजूद। राजनीतिक पंडित अपनी इस रणनीति को भांप ही नहीं पाते।

नारियों ने कैसे बनाया सीएम योगी को ‘हीरो’
हालांकि अब राजनीतिक विश्लेषकों के साथ जनता भी सीएम योगी के इन नारियों को नामांकित से देख रही है। ऐसा भी कहा जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नारों में दो-चार हो रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी पूरी तरह से कट्टरवाद के रास्ते पर चलने की कोशिश में है या चल ही पड़ी है। इसलिए ही सीएम योगी के नारों के साथ ही किसान पार्टी में भी प्रमुखता दी जा रही है.

रचना की आलोचना भी तो नहीं
हालांकि सीएम योगी के इन कट्टर नारों का जोरदार विरोध जारी है. भारत के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल ने इतना पतन नारा नहीं दिया। संजय सुपरस्टार ने भी अपनी इन कॉमेडी की आलोचना की थी। उनकी आलोचना को एक बैचेनी में स्पष्ट रूप से भी देखा जा सकता है..

यूपी में ये जरूरी लोगन एकदम फिट न बैठे!
ऐसे में यूपी की नौ विधानसभाओं में नामांकन होने वाले हैं यूपी चुनाव में सीएम योगी के इस नारे से सटीक देखने को मिलेगा, ये तो नतीजे हैं. जरूर बढ़ाया गया है. वजह साफ है.. जिस तरह से सीएम योगी अपने लैपटॉप में बार-बार ‘बैटमाफियाओं को समाजवादी पार्टी के टूटे हुए गुंडे’ कहते हैं, कह रहे हैं, उनका पसंदीदा उद्योग कहीं न कहीं मिलता है। सार्वजनिक सिंपेथी के रूप में तो विशेष रूप से. ऐसे में यूपी चुनाव में कहीं भी उनके ये दोस्त बिल्कुल फिट न बैठे।

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