उत्तर प्रदेश

एक बार लगा यह पौधा, बंजर भूमि भी उगलेगी 30 साल तक सोना!

सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी में भी रुचि दिखा रहे हैं। जहां तीन और फलों की खेती में कई फसलें उगाई जा रही हैं, वहीं ड्रैगन की खेती ने हाल ही में किसानों के बीच विशेष लाभ हासिल किया है। इस विदेशी फल की बहुतायत मांग को देखते हुए किसान इसे ओबने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। ड्रैगन की खेती न केवल लाभदायक हो रही है, बल्कि इसमें कम लागत और अधिक उत्पादन की संभावना भी है, जिससे किसानों के लिए इसका सौदा संभव हो रहा है।

जिला उद्यान पदाधिकारी पूनीत कुमार पाठक ने बताया कि विभाग ड्रैगन लाइक की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता के तहत विभिन्न योजनाएं प्रदान कर रहा है। विभाग ने इस फसल को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ें। इस योजना के तहत पहले वर्ष में 30,000 रुपये और अगले दो वर्षों में भी अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा की जाती है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को उद्यान विभाग में पंजीकरण कराना आवश्यक है। इसके लिए खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कार्ड और दो फोटो की जरूरत है।

ड्रैगन की खेती के फायदे
ड्रैगन के दस्तावेज़ में विशेष रोग चिह्न की क्षमता होती है, जिससे सफल रोग की संभावना बहुत कम हो जाती है। यही कारण है कि इन मेडिकल स्टोर्स का खर्च भी न्यूनतम होता है। इसके अलावा, यह पौधा कटिला होता है, जिसके कारण जंगली जानवरों को भी नुकसान नहीं होता है। एक बार स्थापना के बाद किसान 25 से 30 वर्ष तक इससे उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। इसकी नियमित देखभाल से उच्च गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन किया जा सकता है, जो बाजार में उच्च कीमत पर बिकते हैं। इस फल में जल प्रबंधन भी आसान होता है, और कम पानी में भी इसकी खेती की जा सकती है।

बाज़ार में आकर्षक ड्रैगन के टुकड़े
ड्रैगन की खेती करने वाले किसानों के लिए आय का एक नया और स्थायी साधन बन रही है। इस फल के बाजार में मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को फसल का अच्छा मूल्य मिल जाता है। यह फल पोषण से परिपूर्ण होता है और इसके स्वास्थ्य लाभ के कारण इसका सेवन भी तेजी से बढ़ता है। कृषकों के बीच कृषकों की रुचि के साथ-साथ जिले में उद्यान विभाग का यह कदम न केवल कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रहा है, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी एक सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

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