झारखंड: सोरेन सरकार को राहत, झारखंड हाई कोर्ट ने मैय्या सम्मान योजना के खिलाफ चुनौती खारिज की – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव
विलायती सोरेन
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झारखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार द्वारा ‘मैय्या सम्मान योजना’ की शुरुआत की, जिसे चुनौती देने वाली याचिका (कुकर) को खारिज कर दिया गया। मुख्य न्यायाधीश रिचर्ड राव और रेस्टॉरेंट दीपक ख़ाकी की बेंच ने विष्णु भंडारी द्वारा मॅचेल पर सुनवाई की। जहां साहू ने यह आरोप लगाया था कि 21 से 50 साल की महिलाओं को 12,000 रुपये की सूची देकर यह योजना लाभ के लिए शुरू की गई है।
बता दें कि झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव का पहला चरण रविवार को समाप्त हो गया। दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होना है, जबकि 23 नवंबर को सभी डिवीजनों की वोटिंग होनी है।
नीतिगत अंतःक्षेप में हस्तक्षेप नहीं- न्यायालय
विष्णु साहू द्वारा पैकिंग सूची पर रिवार्ड राव ने याचिका खारिज कर दी। रॉबर्ट राव ने याचिका खारिज करते हुए तर्क दिया कि अदालत राज्य सरकार के नीतिगत अंतर में हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि इस योजना का उद्देश्य गरीबों और महिलाओं को वित्तीय मदद देना है।
विष्णु साहू का आरोप
वहीं इस मामले में साहू ने अपनी याचिका को विस्तार में देखा तो उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना चुनाव से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक राजनीतिक हथकंडा है। उन्होंने कहा कि यह योजना स्टार्टअप टीमों के लिए बनाई गई है।
विल्सन सोरेन ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की
मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया में कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा करते हुए अपना फैसला सुनाया। इसके साथ ही झामुमो नेता सोरेन ने इस जजमेंट के संचालक की कल्पना में कहा कि झारखंड की महिलाओं की बड़ी जीत और योजना के खिलाफ याचिका को खारिज करना एक प्रमुख उत्तर है। उन्होंने कहा कि दिसंबर में महिलाओं की कुल संख्या 2,500 होगी।