यूजीसी ला सकता है नई मान्यता, 2 साल में मिलेगी ग्रेजुएशन, बीच में पढ़ाई छोड़ सकते हैं कंटिन्यू
यूजीसी नई नीति: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के लिए डिग्री प्रोग्राम से अधिक छात्रवृत्ति सत्र (2025-26) की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने घोषणा की है कि तीन साल के डिग्री कोर्स को एक साल में पूरा किया जाएगा और चार साल के डिग्री कोर्स को तीन साल में पूरा करने का विकल्प छात्रों को दिया जाएगा।
जो छात्र अपनी पढ़ाई मामूली गति से पूरी करना चाहते हैं, वे भी अब तीन साल के कोर्स का पूरा खर्च चार साल में पूरा कर सकते हैं। मीडिया सिद्धांत के अनुसार अगर किसी छात्र को ब्रेक की जरूरत हो तो वह बीच में कोर्स ठीक कर बाद में इसे फिर से शुरू कर सकता है।
मदरसा की समिति की साख लागू
मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि की ग्राफिक्स वाली समिति के अनुमोदन ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसकी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।
चार डिग्री के फायदे
अध्यक्ष ने बताया कि चार साल की डिग्री से छात्रों को शोध कार्य के लिए आवेदन और शोध पत्र प्रकाशित करने का मौका मिलेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के तहत पूरे देश में लागू होगी।
इज़्ज़त में सुधार पर ज़ोर
आस्था ने 20 मस्जिदों की गुणवत्ता की जांच शुरू की है। यदि मानक का उल्लंघन पाया गया, तो इन आख्यानों को पुरावशेषों से पीछे छोड़ दिया जाएगा। तमिलनाडु जैसे राज्यों में एनीपी का विरोध जारी है, लेकिन दूरबीन ने कहा कि छात्रों की समस्या का समाधान करना और आलोचनात्मक विचार बनाना एक उद्देश्य है।
फ़ैक्टरी फ़ैक्टरी और फ़ाउंडिंग की एसोसिएट
तमिलनाडु में कई विश्वविद्यालय कुल-संचालक के बिना काम कर रहे हैं। इस पर जगदीश कुमार ने कहा कि फर्मों के संचालन में देरी के बिना पिलर की नियुक्ति की जानी चाहिए। साथ ही, राज्य सचिवालय के लिए राज्य सचिवालय की जिम्मेदारी निभानी होगी।
प्राइमरी का यह कदम शिक्षा प्रणाली में पोर्टफोलियो में शामिल हो सकता है और छात्रों के लिए अधिक विकल्प विकल्प की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
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पहले प्रकाशित : 15 नवंबर, 2024, 19:18 IST