क्राइम

18 साल बाद इस लड़की का हुआ अंतिम संस्कार… क्या है पूरी कहानी, जानिए

कोडागु जिले के मदिकेरी तालुका के अय्यंगेरी गांव की 13 वर्षीय लड़की सफिया का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया। सफिया की हत्या 18 साल पहले गोवा में हुई थी। कासरगोड कोर्ट ने 18 साल की सजा के बाद सोमवार को उसके शव के पिता को धोखा देकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

हत्याकांड की अंतिम घटना
यह विचित्र घटना 2006 की है, जब कासरगोड के एक व्यक्ति केसी हेनझा, सफ़िया को काम पर ले गए। वहाँ एक दिन गर्म बिजली उसके ऊपर से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई। बाल श्रम का मामला दर्ज के डर से हेनझा ने उसकी हत्या कर दी, और उसके शव को तीन स्टॉकहोम में संग्रहालय में दफन कर दिया। बाद में सफ़िया के माता-पिता को बताया गया कि वह लापता हो गई थी।

90 दिन तक चले विरोध प्रदर्शन
सफिया के माता-पिता ने पुलिस में केस की शिकायत दर्ज कराई और इसके बाद ‘सफिया क्रिया समिति’ ने एक समान गुट वाले समूह का गठन किया। इस समूह ने कासरगोड में 90 दिनों तक लगातार विरोध प्रदर्शन किया। इन उद्देश्यों के परिणामस्वरूप, केरल सरकार ने मामले की जांच गोदाम को फिर से शुरू कर दिया।

संकट बढ़ने पर हुआ लंका का खुलासा
कैमरे की जांच में, 2008 में गोवा में सफ़िया का लंका मिला। इस मामले में केसी हेनझा को गिरफ्तार कर लिया गया और कासरगोड सत्र न्यायालय ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। हालाँकि, 2019 में केरल हाई कोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद कर दिया। इसके बावजूद, सफ़िया का स्केल कासरगोड अदालत में फैसला सुनाया जा रहा है।

कोर्ट से शव की प्राप्ति
सफ़िया के माता-पिता ने कोर्ट में फ़ायर-ऑफ-द-कंकाल के शिलालेख प्राप्त करने की मांग की थी। 6 नवंबर को, कासरगोड जिला मुख्य अदालत ने सफ़िया की खोपड़ी और हड्डियों को उसके माता-पिता को उपहार देने का आदेश दिया। इसके बाद, सोमवार को माता-पिता ने इसे अयंगेरी गांव में कोच्चि संग्रहालय के अवशेष से उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

टैग: अपराध समाचार, गोवा, स्थानीय18, विशेष परियोजना

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