बिहार

सिर्फ 3 महीने में फूलगोभी की खेती से बन गया लाखपति, जानिए उपजी से लेकर बाजार तक का फॉर्मूला

जहानाबाद : भारत में किसानों का ध्यान धान की खेती के साथ होने वाली खेती पर आकर्षित किया गया है। मोटे अनाज की खेती से किसानों को इतनी आमदनी नहीं होती है और सामान में भी ज्यादा समय लगता है। हालाँकि, सब्जी की खेती से समय और कम लागत में ज्यादातर कमाई हो जाती है। इसी वजह से अब किसानों का ध्यान इन खेती की खेती पर आ रहा है. बिहार में अब मौसम के हिसाब से किसान मशीनरी ओने लगे हैं। अभी ठंड का मौसम चल रहा है. इस समय कई तरह की दवाइयां ओवाई जा रही हैं। मटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है।

जहानाबाद के किसान भी बड़े पैमाने पर मशीनरी बेच रहे हैं। इसमें फूल गोभी भी शामिल है. काको में कृष्णा स्थित काजी संतरे के किसान राम की 5 आकर्षक खेती की जाती है, जिसमें धान के टुकड़े के साथ-साथ चीजें उगाते हैं। सीज़न के हिसाब-किताब से सामान्य विकल्प हैं। अभी ठंड के मौसम में पौधे वर्गीय फसल उग रहे हैं। एक शानदार फूलगोभी और 10 कट्ठे में फूलगोभी रखे हुए हैं। उनका कहना है कि धान की खेती के साथ किसानों को भी सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि इससे कमाई का बैलेंस बना रहता है और जीविकोपार्जन पर असर नहीं होता है।

90 दिन में तैयार हो जाती है फूलगोभी
किसान कृष्ण राम कहते हैं कि फूलगोभी की खेती हम साल 4 से 5 बार करते हैं। इसे 90 दिन में तैयार किया जा सकता है. हम हाइब्रिड बीज का उपयोग करते हैं। यह बीज कभी गया था तो कभी जहानाबाद से लाए गए हैं। फिल्म के बाद इसके अवशेष होते हैं और फिर इसके पौधे के खेत में विकल्प होते हैं। हमारे यहाँ जो फूलगोभी है, वो आधा बच्चा, एक बच्चा और छोटा बच्चा तक उपजाता है। फूलगोभी की खेती के साथ 10 कट्ठा में फूलगोभी की खेती भी होती है। इसके अलावा बैंगन की खेती भी कर रहे हैं. अगत और पिछात दोनों समय फूलगोभी की खेती करते हैं।

उन्होंने बताया कि फूलगोभी की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता। इस तरह की फ़सल एक कत्था में कुल खर्च एक हजार रुपये आता है, जिसमें सींच, जूताई, दवा और खाद सब खर्च शामिल रहता है। हालाँकि, इन्वेस्टमेंट की बात करें तो एक कत्था में कभी 5 हजार रुपये तक का इन्वेस्टमेंट होता है तो कभी 500 रुपये का भी इन्वेस्टमेंट होता है। कमाई मुख्य रूप से अलोकेटेड सीज़न के ऊपर रहती है। अगर सीजन का मिल साथ जाता है तो 90 दिन में एक लाख से ज्यादा का फायदा होता है। बिक्री के लिए बाजार भी तैयार कर रहे हैं और नहीं होता है तो खुद भी फूलगोभी की टोकरी लेकर सड़क पर बैठ जाते हैं।

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