
मौसमी फूलों की खेती करने वाले किसान रखें इन बातों का ध्यान, अन्यथा हो सकता है नुकसान
आदित्य कृष्ण/आदित्य कृष्ण वर्तमान समय में गर्मियाँ जा रही हैं और नज़र आ रही हैं, वैसे समुद्र में हम अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। दक्षिणी जिले में भी कई किसान बड़े पैमाने पर फूलों की खेती कर रहे हैं। फूलों की खेती के लिए उन्हें कुछ जागरूकता की जरूरत है। जागरूकता की कमी उनके लिए नुकसान का कारण बन सकती है। ऐसे में विशेषज्ञ ने उन्हें सलाह दी है कि समुद्र के मौसम में हम अपने फूलों की खेती का ध्यान कैसे नुकसान से बचा सकते हैं।
इन उपायों का उपयोग करने से नहीं होगा नुकसान
पहला उपाय ग्रीन नेट का है. नेट ग्रीन का उपयोग कर हम समुद्र के मौसम में आस-पास के फूलों को कवर कर सकते हैं। हरे नेट के विदेशी फूलों को जब ढक दिया जाएगा, तो पीला और अन्य नीड का प्रकोप नहीं होगा।
बांस पर जूट के बोरे का अर्थ
दूसरा सबसे अच्छा तरीका हमारा है कि बांस की फट्टी एक ही पर जूट के बोरे में हम बांस की फट्टी से बांध देते हैं जूट के बोरे गर्म होते हैं जिसके कारण बाकी में टेंपरेचर मेंटेन रहेंगे और इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ठंड में कोल्ड ड्रिंक को वैसे भी पानी की जरूरत कम होती है, लेकिन इलाज के लिए जरूरी नहीं है कि सुबह और शाम को गर्म पानी दिया जाए, बहुत ठंडी पानी की बोतल से चॉकलेट में पानी की जरूरत रहती है। इसलिए ठंडे पानी से बचाव ही करें तो बेहतर है।
रासायनिक खादों का प्रयोग बिल्कुल ना करें। क्योंकि इसमें केमिकल की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में फैक्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। रासायनिक खाद के बजाय हम जैविक खाद जिसमें गोबर की खाद, केंचुए की खाद का प्रयोग करते हैं तो फूल हमारे हरे रहेंगे और हमें मुख्य रूप से बनाते रहेंगे।
किसानों को किया जाता है विशेषज्ञ
उद्यान विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ संजय यादव का कहना है कि फूलों की खेती के लिए बड़े पैमाने पर किसान यहां काम कर रहे हैं, यहां से जागरूकता के लिए समय-समय पर सलाह ली जाती है। इसके साथ ही किसान जो बातें हैं उनका अगर विशेष ध्यान दें, तो नुकसान से बच जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती में कोई दिक्कत नहीं है, इसके लिए उन्हें कैनेडीवीटी के माध्यम से अनुदान भी दिया जाता है।
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पहले प्रकाशित : 21 नवंबर, 2024, 13:09 IST