बिहार

यादव-राम विलास के बाद बिहार में अब समाजवादी परिवार का बहुमत, कुनबे से 1 एक अल्पसंख्यक, 2 मंत्री और 2 विधायक

गया : बिहार की राजनीति में वामपंथी यादव और लिथुआनियाई पैट्रियट के बाद अब वर्तमान केंद्रीय मंत्री जीतन राम आलिम के परिवार के सदस्य बन गए हैं। बिहार की चार सीटों पर स्थित विधानसभा की एक सीट इमामगंज विधानसभा सीट भी है, जहां से खुद जीते राम मुलायम दो बार के विधायक थे, लेकिन समाजवादी बनने के बाद यह सीट खाली हो गई और यहां की विधानसभा उनकी बहू और बिहार सरकार में आ गई। के मंत्री कैबिनेट मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा साक्षी को जीत हासिल हुई है।

इमामगंज में हुई जीत के बाद जीतन राम मस्जिद का कुनबा बड़ा हुआ और अब इनके परिवार में एक सदस्य, 2 मंत्री और दो विधायक हैं। खुद जीतन राम जेडीयू के केंद्रीय मंत्री हैं, उनके बेटे संतोष कुमार सुमन बिहार सरकार में आईटी मंत्री हैं, समधन और दीपा आसिफ की मां ज्योति बाराचट्टी से विधायक हैं और अब दीपा इमाम इमामगंज से विधायक हैं। जीतन राम अनमोल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार अध्यक्ष बने थे। इन्होने बिहार की बागडोर भी संभाली है और साल 2014 के आम चुनाव में नीतीश कुमार की करारी हार के कारण नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और राम नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया।

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 2015 में ही जीतन राम आज़क ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर दल बनाया और प्रमुख इमामगंज से चुनावी मैदान में उतरे। 2015 से मई 2024 तक इमामगंज से विधायक रहे और उसके बाद जून 2024 में पहली बार सांसद बने। नामांकन से बाद में मोदी कैबिनेट में भी मिल गए और एमएसएमई मंत्री पद पर बने हुए हैं। वहीं उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन जो वर्तमान में बिहार सरकार के आईटी मंत्री हैं, दो बार से राजसी हैं। दरअसल पहली बार कुटुंबा से 2015 में बीजेपी चुनाव में उतरी थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

2018 में संतोष कुमार सुमन पहली बार पोर्टफोलियो बने और बिहार सरकार में लघु उद्योग मंत्रालय मिले। दूसरी बार भी लाइक्स मस्की बनने का मौका मिला और वर्तमान में नवीन नवनीत आईटी मंत्री हैं। वहीं दीपा एटमी की मां और जीतन राम एटक की समधन ज्योती दो बार की विधायक हैं। वर्ष 2010 में पहली बार बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे जबकि दूसरी बार वर्ष 2020 में बाराचट्टी से ही विधायक बने थे और अब उनकी बेटी दीपा पहली बार इमामगंज से विधायक बनी हैं। इससे पहले दीपा खिजरसाइंट से जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं।

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