बिहार

रबी फसल की बुआई में बाधा, किसानों को नहीं मिल रहा बीज और खाद, 12 सौ का सामान ब्लैक में खरीद रहे ₹2200 में

ऋतु राज/दराज: रबी फसल की बुआई शुरू हो गई है, लेकिन इस बार किसान खाद और बीज की सब्जी से जुड़ी चिंताएं हैं। सिद्धांत की जूताई हो रही है, लेकिन आवश्यक स्रोत और बैठक से किसानों की चिंता बढ़ गई है। तीस-तीस ख़राब हैं कि किसान-मजबूर-ज़बरदस्ती काले बाज़ार से दुर्लभ-तिलकते पर-खाद्य पदार्थों को कहते हैं।

काला बाज़ार में दोगुने दाम पर मिल रहा खाद
ग्राउंड पर लोकल 18 की टीम ने देखा कि खेतों की बुआई के लिए तैयार हैं, लेकिन बीज और खाद का संकट गहराता जा रहा है। राघोपुर के किसान उमाशंकर यादव ने बताया कि सरकारी गोदामों और दुकानों में खाद और बीज उपलब्ध नहीं है। 40 किलो का बैग, जो सरकार 1200 रुपये में बिकता है, वही ब्लैक मार्केट में 2000-2200 रुपये में बिकता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश की कमी के कारण पहले ही खेती में अतिरिक्त खर्च हो गया, अब खाद और बीज की कमी से मुश्किलें बढ़ गई हैं।

डी.पी. और कोमॅटम की भारी व्यवस्था
किसान संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें समय पर डी.पी. नहीं मिल रहा है। मिडिल कहीं-कहीं उपलब्ध है, लेकिन डीएपी की कमी भाटाई में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि जब पटवन का समय आएगा तो डीएपी तो उपलब्ध हो जाएगा लेकिन तापमान का संकट खड़ा हो जाएगा।

किसान हो रहे आर्थिक रूप से प्रभावित
नू राम ने बताया कि खाद और बीज के मसाले के साथ पानी और बीज की खेती के साधन भी सीमित हैं। कृषि उत्पाद खराब हो गए हैं और काले बाज़ार में खाद्य पदार्थों की कमी के कारण आर्थिक मंदी बढ़ रही है। बच्चन राय ने बताया कि 1200 रुपए का डीएपी 2400-2500 रुपए के बिजनेस में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

प्रामाणिक ने सॉल्यूशन का भरोसा दिया
पैमाने के मेमोरियल सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिले में 12,000 औद्योगिक बीज का नुकसान हुआ है, जो पिछले साल के बराबर है। उन्होंने स्वीकार किया कि जिला कृषि ग्राफिक्स के मुख्यालय से बाहर होने के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद विभाग से अतिरिक्त बीज की मांग की जाएगी।

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