मध्यप्रदेश

MP News: ऐसे होता है डिजिटल स्टोर का बड़ा गेम, क्रिमिनल ने उगले राज, जानें 150 सिम कार्ड ऑफर की इनसाइड स्टोरी

शिवकांत आचार्य, भोपाल। मध्य प्रदेश साइबर पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। डिजिटल रिटेलर मामले में पुलिस ने सबसे पहले कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है। अब पुलिस इस विशिष्ट के माध्यम से पूरे नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने जिस निवेशक को गिरफ्तार किया है, उसने भोपाल के एक आइडिया इंजीनियर को डिजिटल स्टोर पर साढ़े तीन लाख रुपये की ठगी करने की कोशिश की थी। पुलिस ने इस नाबालिग को उत्तर प्रदेश के महोबा से गिरफ्तार किया है। पुलिस को पता चला कि एक मोटोरोला कंपनी के एजेंट के रूप में सिम टेलीकॉम काम करता है।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति के पास डिजिटल दुकान रखने वाले मास्टरमाइंड के भी संपर्क थे। उसने उसे सिम करवाता था। पिछले 8 महीनों में मास्टरमाइंड को 150 से ज्यादा सिमें दे दी गई हैं। उसके पास हर सिम के लिए एक हजार रुपये का खाता है। इस मामले का खुलासा किया गया है। उन्होंने बताया कि स्टूडियो इंजीनियर रामदोम कुमार ने उनके साथ मिलकर स्थिर प्रयास की याचिका दायर की थी। इस जांच में पता चला कि उन्होंने डिजिटल स्टोर बनाने के लिए जिस नंबर का इस्तेमाल किया था, वह महोबा के भतीपुर का है। जांच में पता चला कि यह नंबर किसी विकास साहूकार का जारी किया गया था।

पूछताछ में ये खुलासा हुआ
पुलिस ने पूछताछ के लिए विकास को बुलाया. इस पूछताछ में विकास ने बताया कि उसे यह धीरे-धीरे सैमंद्रा नामक व्यक्ति के नाम के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त हुई थी। वह एक मस्कारा कंपनी का एजेंट है। पुलिस की जांच में नर्सिंग होम धीरेंद्र ने बताया कि उसने लोगों को मुफ्त में सिम कार्ड दिया था। वह सौ रुपए की सिमें लोगों को मुफ्त देता था। इसके बाद उसने लोगों के आधार कार्ड को स्कैन किया। उनका लाइव फोटो खींचकर सिमरिलीज़ कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने लोगों से कहा था कि उनका आधार लिंक नहीं है। ये हैरान लोग उसे स्कैन करने के लिए दे देते थे। इस तरह उन्होंने एक स्पेसिफिक के नाम पर दो सिमें जारी कीं। एक सिम वह साइबर ठगों को बेचती थी।

पहले प्रकाशित : 29 नवंबर, 2024, 10:54 IST

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *