
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: बागेश्वर धाम सरकार का बड़ा ऐलान, कहा- अगले साल वृंदावन से दिल्ली तक निकालेंगे पदयात्रा
भोपाल/ओरछा. मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता की पद यात्रा 29 नवंबर को ओरछा में समाप्त हुई। इस मस्जिद में कई संत और राजनेता भी यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के समापन पर पंडित शास्त्री ने कहा कि वर्ष 2025 में वृंदावन से दिल्ली तक पद यात्रा निकलेगी। देश भर के लोग जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि भारत का बांग्लादेश नहीं बनना है. हिंदू एकता की मंडली में भेदभाव रेस्टॉरेंट का काम करना है। जाट-पात संप्रदाय का मतलब किसी जाति को ख़त्म करना नहीं है, बल्कि जाट-पात एक साथ करना है। ब्रिटिश और मुगलों ने जाट-पात का भेदभाव डाला है। हम कथा कम करेंगे, धाम पर सेवा कम करेंगे, लेकिन आस्था को कॉन्स्टेंट साझीदार बनाएंगे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मैं सभी साधु संतों से निवेदन करता हूं कि पूरे साल आप गांवों में तीन दिन की कथा अवश्य कहें। उन्हें ही यजमान निर्देशित करें। आपका कोई दक्षिणा नहीं. दक्षिण की जगह वे अपने वचन लें कि वे हिंदू धर्म पर मर जाएंगे, नहीं छोड़ेंगे। जो ‘सरतन से जुदा’ के नारे देते हैं, उनका आका सुन लें, जो दिन हिंदू जगाएगा, उसका देश भी हमारा होगा। एक धीरेंद्र शास्त्री कृष्ण से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, बल्कि हर घर में धीरेंद्र शास्त्री कृष्ण को होना होगा।
संत राम भद्राचार्य ने कही ये बात
इस मौके पर संत राम भद्राचार्य ने कहा था कि मुझे 21 तारीख को तो आना था, लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा। लेकिन, खुशी इस बात की है कि इस यात्रा का समापन हो गया। हिंदू कभी हिंसक नहीं होता. हमारा इतिहास पूरा देखें हम चींटी और मछली को आटा डालते हैं। वे इस वेबसाइट पर प्रियंका गांधी की वायनाड जीत पर आधारित हैं। हम गौसेवक हैं. हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, अगर हमें कोई छेड़ेगा तो उसे छोड़ेंगे नहीं। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भूत प्रेत भागते हैं, अब हम जात-पात का भूत भगाने का काम करते हैं।
संभल घटना का प्लान सबसे पहले बनाया गया था- संत राम भद्राचार्य
संत राम भद्राचार्य ने कहा था कि संभल इवेंट का प्लान सबसे पहले बनाया गया था। इसे लेकर लोग कहते हैं कि हमें पता नहीं था. यदि तुम्हें पता नहीं था कि पत्थर कहाँ से आया है। हम जहाँ-जहाँ प्यारे होंगे वहाँ-वहाँ यही स्थिति होगी। कुंभ में एक बड़ा सम्मेलन करना है. व्यवस्था व्यवस्था में संतो का बड़ा योगदान रहता है।
टैग: भोपाल समाचार, एमपी न्यूज़
पहले प्रकाशित : 29 नवंबर, 2024, 17:20 IST