बिहार

साम्प्रदायिक सौहार्द: मस्जिद विवाद के बीच में दिल को ठंडक देने वाली देवी की ये खबर, इस मस्जिद में रोज होती है पूजा-आरती

आख़िर. देश का साम्प्रदायिक संतुलन ही कुछ भी हो। यहां के लोगों में कोई समानता नहीं है। यहां पर किताबों ने प्राचीन काल से लेकर आज तक की विरासत को संजोकर रखा है। मस्जिद के मंदिर में स्थित मस्जिद की सेवादारी की जिम्मेदारी यहां के हिंदू परिवार की है। गांव में किसी की बारात और जाने से पहले इस मस्जिद में दर्शन और पूजा का रिवाज है।

बाढ़ के कारण लोग कर रहे थे पलायन
स्थानीय लोगों का कहना है कि 20वीं सदी की शुरुआत में तीव्र बाढ़ की समस्या से परेशान होकर यहां मुस्लिम परिवार पलायन करने लगे। स्थानीय लोगों के अनुसार नदी के आसपास का गाँव। पहले यहां सड़क की सुविधा नहीं थी, अवकाश के लिए कोई भी गैसोलीन ज़रिया मौजूद नहीं था। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कारण सभी को यहां से पलायन करना पड़ा।

हिंदू करने लगे मस्जिद की देखभाल, दिलचस्प है ये किस्सा
वक्ता के साथ यहां पर मशहूर हस्तियों की संख्या शून्य हो गई। ऐसे में इस गांव में बनी मस्जिद को यहां के बदमाशों ने पकड़ लिया। यहां हिंदुओं ने मस्जिद में नमाज अदा करना भी शुरू कर दिया। यहां पांचों वक्त की नमाज होती रही और किसी भी तरह का शुभ अवसर यहां के हिंदू इस स्थल को मंदिर की तरह तवज्जो देते रहे। उसके बाद से ही अब यहां रोजमर्रा की पूजा और आरती दिखाई देती है। किसी भी शुभ अवसर पर लोग यहां स्थापना पीर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद उन्होंने किसी और काम को पूरा किया है।

खुश हैं यहाँ के लोग
मस्जिद का काम यहां के लोगों के सामने शिकन भी नहीं है। वो यही करते हुए काफी खुश रहते हैं। स्थानीय लोग दैनिक मंदिर की तरह ही मस्जिद की देखभाल और पूजा-अर्चना करते हैं। गाँव की जनसंख्या लगभग 4000 है। गाँव की दूरी मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर है।

टैग: हिंदू मंदिर, भारतीय मुसलमान, स्थानीय18, मुस्लिम धर्म, न्यूज18 बिहार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *