उत्तर प्रदेश

शादी से लेकर बेस्ट यूपी तक का सबसे सस्ता मामला, जानिए असल वजह

कृपया. यूपी के गठबंधन सरकार में पूर्व मुख्य मंत्री रहे सुरन्द्र सिंह सागर को सम्राट सुप्रीमो बहिन वोट ने निर्वासित कर दिया है। पूर्व राज्य सचिव सुरन्द्र सिंह सागर के सामुहिक से निष्कासन सागर की कहानी बड़ी दिलचस्प है, सुरन्द्रा पर ना तो किसी पार्टी विरोधी काम करने का आरोप है और ना ही कोई जवाब तलब किया गया बल्कि सीधे तौर पर उन्हें पार्टी से अलग कर दिया गया। उनके निष्कासन के कारण समाजवादी पार्टी के समर्थक त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त के बारे में पूछा जा रहा है।

त्रिभुवन दत्त कोम नगर के अलापुर विधानसभा क्षेत्र से एसोसिएट्स असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। इस शादी की जानकारी और शादी में शामिल हुए अखिलेश यादव के फोटो के साथ तानाशाह नेता सुंदर सागर के फोटो जब महाराजा सुप्रीमो को हुई तो उन्होंने कुछ जवाब तलब के बिना सुंदर सागर को शामिल कर लिया। इतना ही नहीं तानाशाह सुप्रीमो ने अपनी पार्टी के नेताओ से भी शादी के बाद रिसेप्शन पार्टी में जाने से मना कर दिया। वहीं अब इस मामले में पूरे यूपी के पूर्व सीएम मायावती ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक्स पर ट्वीट किया है.

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उन्होंने कहा कि बसपा के पूर्व सांसद मुनकाद अली के लड़के की शादी में पार्टी के लोगों ने ऐसा ट्वीट किया था, क्योंकि उनकी लड़की मीरापुर से सपाई क्षेत्र का विधानसभा क्षेत्र ला रही थी, उनकी बसपा के खिलाफ भी यह रैली रही थी। था. ऐसे में, शादी में दोनों देशों के लोगों के बीच आम सहमति की चर्चा थी, फिर अपने आप को बचाने के लिए पार्टी को मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन इसे दूसरे तरीके से प्रचारित किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है।

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उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रकार के जिला के पूर्व पार्टी अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सागर और इसके बाद पार्टी अध्यक्ष श्री राम राम का समर्थन करने वाले समीर कुमार का सीमांत क्षेत्र चरम पर था, जिससे पार्टी के कार्य यात्रा कर रहे थे, फिर दोनों एक साथ निकले, जिसका शादी-विवाह का कोई सम्बन्ध नहीं. मतलब, कौन किस पार्टी के लोगों के साथ अपना रिश्ता बना रहा है, अपनी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। लोग स्वतंत्र हैं जहां पासपोर्ट संबंध हैं। यह सब उनकी सोच पर प्रतिबंध लगाता है। परन्तु वे लोग निश्चय ही सर्तक बने रहें, जो कि गलत प्रचार कर रहे हैं।

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