मध्यप्रदेश

एमपीपीएससी स्टूडेंट प्रोटेस्ट इंदौर आज: छात्र नेता बोले, झुकेंगे नहीं

घर : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएसी) के खिलाफ अभ्यार्थियों का प्रदर्शन लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इस प्रदर्शन पर जिम्मेदारों की कोई नजर नहीं आ रही है। अपने अधिकार के लिए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहरी दौरे तीन दिन से क्रेक की ठंड में बैठे नजर आ रहे हैं। इनमें कहा गया है कि हम किसी से अपना हक नहीं छीन रहे हैं, बल्कि अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। आयोग की समिति से अभी हमारा ही नहीं बल्कि देश का भविष्य भी खतरे में है। लोकल-18 ग्राउंड पर उतरकर मुद्दे की बात समझी, जहां अभयर्थियों ने फ्रैंक को अपने दृष्टिकोण के बारे में बताया

राष्ट्रीय एज्युक समर्पित यूथ यूनियन की राष्ट्रीय समिति के सदस्य राधे जाट ने बताया कि हमारी सारी मयाजा है, क्योंकि इन्ही सीमाओं पर देश के युवा भविष्य का आभास हुआ है। हर साल 13 साल बाद सरकारी रिजल्ट रोक दिया जाता है जिसके बाद युवा सामने आते हैं। इसलिए 100 पासपोर्ट जारी हो. वहीं आयोग की तरफ से आने वाले समय में पोस्ट में भी बढ़ोतरी की जाए।

अल्पमत सरकार का कहना है कि यूनियन के सदस्य और समिति आयोग के अधिकारी भी मिले, लेकिन अल्पायु को लेकर कोई नहीं मिला। 2019 से परीक्षा दे रहा हूं लेकिन हमेशा रिजल्ट रुका रहता है। हमारी कम्पनियाँ भी दिखाई नहीं दीं, जिससे हम अपने चयन में सुधार कर सके। 87/13 विद्यार्थियों के भविष्य के नाम पर धांधली हो रही है। लाडली लक्ष्मी, लाडली बहन सरकार की कई तरह की योजनाएं चल रही हैं लेकिन जो मेहनत कर रही है उस पर कोई नजर नहीं रख रहा है।

नियोजी मिस्त्री की कहानियाँ हैं कि लड़कियों को माता-पिता सीमित समय देते हैं, इस परीक्षा में एक वर्ष से भी अधिक समय लगता है और परिणाम नहीं आता है तो हमारा भविष्य का खतरा देखने को मिलता है। दो साल पहले पेपर दिया लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं आया इसलिए हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं।

काल्पनिक कहानियाँ हैं कि हमारे भविष्य के खतरों में पारिवारिक चिंताएँ हैं। समझ नहीं आ रहा क्या? 2022 और 2023 में परीक्षा दी गई लेकिन परिणाम नहीं आया। कभी रोक लगा दी जाती है तो कभी देर से रिलीज हो जाती है। इस धरने में कई स्ट्रेंथ भी शामिल हैं. मगर प्रशासन ने यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था की है और न ही शौचालय की।

शिवानी बिल्डर का कहना है कि धरना प्रदर्शन के पहले दिन कुछ गैर सरकारी अधिकारी छात्रों को यह जमानत दे दी गई थी कि वे उन्हें शौचालय, खाना-पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे, हालांकि अब छात्रा को प्रदर्शन के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। है. वहां मौजूद महिलाओं को शौचालय में इस्तेमाल करने की समस्या हो रही है। स्ट्राइक प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर मौजूद शौचालय का उपयोग भी प्लास्टर पैड में किया जा रहा है, क्योंकि वहां स्वतंत्रता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

के साथ “छात्र झुकेगा नहीं साला” “छत्रों को क्या समझे हैं फूल नहीं आग है आग” तख्ती लेकर बैठे धर्मेंद्र सिंह दोस्त ने कहा कि कल हमें माइक छीन लिया गया, जिस वजह से अब वहां मौजूद भीड़ में सही तरह से बातचीत नहीं हो पा रही है राई. दूसरी ओर पार्टी में आए लोगों को पार्टी की इजाजत नहीं दी गई और उन्हें जगह-जगह से वापस भेज दिया गया।

अमित रघुवंशी कहते हैं कि ठंड में ठंड के लिए कपड़े भी छीन लेते हैं लेकिन हम हार नहीं मानते। जब तक प्रशासन हमारी बात नहीं सुनेगा, हम नहीं हटेंगे अब तो अमर व्रत के जरिए ही अपनी जंग जीतेंगे। विजय दांगी का कहना है कि जिन बहन बेटियों के लिए योजना बनाई जा रही है, पिक्चर के कारण उनमें भी बच्चे शामिल हो गए हैं। यहां वह हमारे साथ सड़क पर भी उतरीं

एमपीपीएससी छात्रों की मांग क्या है?

– 2019 की मुख्य परीक्षा की कॉपियाँ सामने आएँ और मार्कशीट जारी की जाएँ।

– एमपीसीपीएस 2025 में राज्य सेवा में 700 और वन सेवा में 100 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाए।

– 2023 राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया जाए।

– 87/13 फॉर्मूले द्वारा सभी परिणाम 100% जारी किये जायेंगे।

– एमपीसीपीएस की भर्ती प्रक्रिया में कई सुधार किए जाएंगे जैसे प्रारंभिक परीक्षा में यूपीएससी की तरह एक भी प्रश्न गलत ना हो।

– स्क्रैप मार्किंग शुरू करने के लिए सीजेपी एससी की तरह मुख्य परीक्षा की कॉपी जांच की जाए ताकि एक साथ इंटरव्यू के मार्क्स कम करके श्रेणी और सरनेम की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ आयोजित किया जा सके।

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