उत्तर प्रदेश

खेती-किसानी में भी हुआ AI का इस्तेमाल, एडवांस तकनीक कर रही काम आसान, कमाई भी आसान

उत्तर: हमारे कृषि प्रधान देश में कृषि संबंधी ऐसी तकनीकें विकसित हुई हैं, न केवल कृषि-कृषि सरल हुई है, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। किसी भी फ़सल को ओबने के बाद सबसे बड़ी समस्या फ़र्टिलाइज़र या पेस्टीसाइड के साथ होती है। वैरायटी या पेस्टीसाइड के परामर्श में किसान को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। हालाँकि अब इसका भी पैकेट निकल आया है। इस तकनीक के प्रयोग से न केवल ये काम आसान हो गया है बल्कि इसे काफी बेहतर तरीके से लगाया गया है जिससे इसका निर्माण अच्छा हो गया है।

एआई का प्रयोग किया गया
किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए कृषि दुकानदारों ने एक उपाय खोज निकाला है। कृषि ने आर्टिफिशियल वैज्ञानिक यानी कि एआई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक साम्राज्य का प्रयोग शुरू किया है। इसका उपयोग फर्टिलाइजर या पेस्टीसाइड के परामर्श में किया जा सकता है। इस डुबकी का प्रयोग करके किसान अपना समय तो बचा ही सकते हैं साथ ही साथ कंपनी को उर्वरक मिल के समान रूप दिया जा सकता है। हाथ से विधि बनाने की तुलना में ये सबसे बड़ा कारगार और रिजल्ट वाली है।

दी जा रही है ट्रेनिंग
इफ्को द्वारा इस औषधि का प्रयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है। किसान अपने खेत की मेड़ पर शेयर करके पूरे खेत में खेती कर सकते हैं। सरकार के कृषि विभाग से संबंधित डीजेसीए ने कुछ महिलाओं और पुरुषों का अपहरण करने के लिए प्रशिक्षण लिया है, जो किसानों के इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर उनके सहयोगियों में शामिल हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि एक एकड़ में फर्टिलाइजर के लिए 300 रुपये का खर्च आता है और किसान का समय भी बचता है। लोक 18 से बातचीत में इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रिंस ने बताया कि साउद का उपयोग करके किसान अपना समय और लगत दोनों बचा सकते हैं।

पहले प्रकाशित : 23 दिसंबर, 2024, 09:44 IST

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