बिहार

तेंदुए के रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग की टीम को पिंजरे में बकरी बांधकर जाल बिछाने के 10 दिन बाद सफलता मिली

पश्चिमी चंपारण. बाघा के पिपरासी और आस-पास के तेलंगाना में जंगली बाढ़ वाले जापान के वन विभाग ने 10 दिन तक की गति पकड़ ली है। वन विभाग की टीम ने पिपरासी के नूनिया टॉली गांव के पास के टुकड़े में सफलता हासिल की। दस्तावेज़ में बताया गया है कि पत्रिका ने राजवंशी बस्ती और आसपास के क्षेत्र में छह लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था और बाद में दइयारा क्षेत्र में डाल दिया गया था।

पिंजड़े में बकरी को बंद कर दिया गया जाल

रेंजर सुनील कुमार ने बताया कि ज्वालामुखी के लिए एक बकरी को बांधा गया था। जिसके बाद बैटरी की लालची में फंस गई। अब जब भी शूटर पकड़ा जाएगा, उसके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और फिर अन्य अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यहां कागजों के जाल में फंसने के बाद पिपरासी और आस-पास के लोगों ने राहत की सांस ली है।

10 दिन से चल रहा था रेकॉर्ड ऑपरेशन

बता दें कि पिछले कई दिनों से स्कूल ने रिक्शाशी क्षेत्र में जंगल फैला रखा था, जहां ग्रामीण अपने बच्चों और आदिवासियों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित थे। लोगों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग की टीम भी पिछले 10 दिनों से कॉन्स्टेंट स्टॉक्स के संकट पर नजर रख रही थी. दियारा क्षेत्र में पेज मार्क मीटिंग के बाद टीम सक्रिय हो गई और अंततः नूनिया टोली गांव के अंत में रॉकेट में सफलता की प्राप्ति हुई।

पहले भी देखें जा चुके हैं ऐसे मामले

जंगल के किनारे इस तरह की घटना का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के समीपवर्ती इलाके के होने के कारण इन जंगलों में चट्टानों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ वन विभाग की टीम भी विशेष रूप से मौजूद है।

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