
कम उम्र में डायबिटीज के मरीज क्यों बन रहे लोग? डॉक्टर से जानें 5 सबसे बड़ी वजह, वक्त रहते करें बचाव
मधुमेह से बचाव के उपाय: डायबिटीज की बीमारी इन दिनों बेहद तेजी से बढ़ रही है. एक जमाने में माना जाता है कि यंग एज में डायबिटीज का खतरा कम होता है, लेकिन अब बड़ी संख्या में युवा इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत में टाइप 2 डायबिटीज महामारी की तरह फैल रही है. इसकी प्रमुख वजह बदलती लाइफस्टाइल, गलत खान-पान और शारीरिक गतिविध की कमी है. पहले यह बीमारी केवल बुजुर्गों और वयस्कों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी हो सकता है.
यूपी के कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर एंडोकोनोलॉजिस्ट डॉ. राहुल चौड़ा ने बताया कि युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. जंक फूड और शुगर वाले फूड्स का ज्यादा सेवन करने से लोगों के शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस बढ़ जाता है, जो कम उम्र में डायबिटीज का कारण बन सकता है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी और अत्यधिक तनाव डायबिटीज का खतरा बढ़ा देते हैं. अगर लोग अपनी आदतों में छोटे बदलाव कर लें और गलत आदतों से दूरी बना लें तो डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं.
यंग एज में डायबिटीज की 5 बड़ी वजह
जंक फूड्स का सेवन- आजकल के युवा फास्ट-फूड और जंक फूड का हद से ज्यादा सेवन कर रहे हैं. इन फूड्स में ज्यादा शुगर और ऑयल होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) को बढ़ाते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. ज्यादा शुगरी ड्रिंक्स का सेवन करने से भी यह गंभीर बीमारी हो सकती है.
अत्यधिक स्ट्रेस और वर्कलोड- मानसिक तनाव और काम का दबाव भी इस बीमारी को बढ़ा रहा है. आजकल के युवाओं में मानसिक तनाव और काम का दबाव भी देखा जा रहा है. अधिकतर युवा पढ़ाई, जॉब और सामाजिक दबाव के चलते अक्सर तनाव में रहते हैं, जो उनके शरीर में हॉर्मोनल बदलाव कर सकता है. यह भी डायबिटीज की आशंका को बढ़ा सकता है.
जेनेटिक फैक्टर्स- अगर परिवार में किसी को टाइप 2 डायबिटीज है, तो अगली पीढ़ी में भी इसका खतरा बढ़ सकता है. उदाहरण के लिए जिन युवाओं के पैरेंट्स को डायबिटीज की बीमारी है, उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में डायबिटीज से बचने के लिए समय समय पर अपना चेकअप कराना और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
फिजिकल एक्टिविटी की कमी- आजकल के युवा स्मार्टफोन, वीडियो गेम और स्ट्रीमिंग सर्विसेस का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं. ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने से एक्सरसाइज और आउटडोर एक्टिविटीज के लिए समय नहीं मिलता है. इससे वजन बढ़ता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ता है, जो डायबिटीज की बड़ी वजह है.
समय-समय पर चेकअप न कराना- कई बार लोगों को डायबिटीज के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसी कंडीशन में कई लोग प्रीडायबिटिक से डायबिटिक स्टेज में पहुंच जाते हैं. ऐसे में सभी लोगों को 6 महीने या एक साल में अपना हेल्थ चेकअप जरूर करवाना चाहिए और अगर प्रीडायबिटीज हो तो इसे रिवर्स करने की कोशिश करें.
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पहले प्रकाशित : 28 दिसंबर, 2024, 09:42 IST