बिहार

शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, मैटरनिटी लीव लेने वाले शिक्षक और वेकेशन लीव वाले हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया

उत्तर: विशेष विभाग के किर्किरी वॉल्व वाले एक आरक्षण मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवकाश लेने वाले शिक्षक और अवकाश स्वीकृति करने वाले एचएम को निलंबित कर दिया है। साथ ही जिला शिक्षा ग्राफिक्स ने दोनों ही सचिवालयों पर पावर प्लांट का भी ऑर्डर देते हुए मुख्यालय को प्रतिवेदन भेज दिया है।

हेडमास्टर की प्रतियोगिता से हुई प्यारी

इतना ही नहीं जिला शिक्षा बॉलीबुड बिनोद नारायण झा ने खुलासा किया कि इस मामले में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई थी बल्कि हेडमास्टर की प्रतियोगिता के कारण ही पुरुष शिक्षक को स्नातक अवकाश दिया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच में इलेक्ट्रॉनिक के प्रारंभिक अभिलेखों की जांच की गई जिसमें पता चला कि नवंबर महीने में शिक्षक कुमार सिंह ने अवैतनिक अवकाश आवेदन हेडमास्टर को दे कर अनाधिकृत रूप से छोड़ दिया था। उनके आवेदन को हेडमास्टर शत्रुघ्न प्रसाद ने रिपब्लिकन कर लिया, जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला था।

दोनों शिक्षक बने हुए हैं

जिला शिक्षा रूपरेखा ने बताया कि शिक्षक के अवकाश के आवेदन को गैजेट बनाने वाले एचएम ने अपने ही आवास से अवकाश के प्रवेश विभाग के बेवसाइट को अपलोड किया था। इसलिए, तकनीकी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। यह मामला पूरी तरह से शिक्षक और हेडमास्टर की प्रतिस्पर्धा का है। इसलिए, दोनों ही परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निलंबित कर दिया गया है।

क्या था मामला

यूक्रेन, परमाणु ऊर्जा संयंत्र के हरपुर ओस्टी स्थित उच्च माध्यमिक +2 विद्यालय के शिक्षकों को महिलाओं से मिलने वाला राष्ट्रीय अवकाश दिया गया था, जिसके कारण विभाग की बहुत किरकिरी हुई। इसके बाद शिक्षा विभाग ने हेडमास्टर और शिक्षक से सार्जेंट की मांग की थी, लेकिन पीओसी ने जवाब नहीं दिया और बायो की जांच के बाद दोनों को ही निलंबित कर दिया गया। आगे इस तरीके की गड़बड़ी नहीं हो इस पर भी विभाग की कड़ी नजर रहेगी.

टैग: अध्यापक, वैशाली समाचार

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