
भारतीय रेलवे: अब बिना किसी डर के करें ट्रेन में सफर, रेलवे ने इन ट्रेनों में सीखी ये खास तकनीक
दर: रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर है। कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि ट्रेन में आग लग गई और पता नहीं चला। ऐसे में बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है. अब रेलवे ने एक खास पहल की है। उत्तर बिहार और देश के प्रमुख उद्यमों के बीच रनिंग वाली एलएचबी कोच की 22 सूची में फायर मशीनरी सिस्टम शामिल है। इससे उम्र बढ़ने की संभावना कम होगी. रेलवे की यह खास बात सबसे पहले आग जैसी घटनाओं को देखने के लिए जा रही है।
तेज़ आवाज़ से पूछो आगाह
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, आग से बचाव के लिए 22 टुकड़ों की गिनती को फायर रिले सिस्टम से लॉन्च किया जाएगा। यह ऑटोमोटिव फायर एलेके सिस्टम ट्रेन में आग और स्टोइना पर तेज आवाज निकाल कर भेजा जाएगा। इससे जुड़े सभी यात्री ट्रेन के कर्मचारियों के साथ तालमेल बिठाएं और फिर इस यात्री की आवाज ट्रेन के चालक दल के गार्ड तक भी पहुंचें। इसके बाद ट्रेन को उसी समय रोककर ट्रेन में आग लगा दी गई या फिर उठती हुई कारीगरी पर प्लास्टर चढ़ा दिया गया।
वहीं इस फायर असिस्टेंट इंजीनियर के लिए इंटरमीडिएट रेलवे बोर्ड का किराया खर्च 2 करोड़ 21 लाख 48 हजार 352 रुपये है। इससे यात्री यात्रियों को काफी सुविधा मिलती है। वहीं वृद्धावस्था के मरीज़ से यात्री, आराम से बिना किसी चिंता के यात्रा करेंगे।
इन स्टोर्स में आलीशान फ़ायर रेज़्यूमे शेल्फ़
वहीं रेलवे ने इस फायर आश्रम शेल्टर कंपनी को इन स्टॉक्स में खरीदारी का निर्णय लिया है। फायर एलेस्ट्रीम रॉकेट्स के एसी कोच, पावर कार पेंट्रीकार में प्लांट जाएंगे। 12553/54 प्लाजा-नई दिल्ली ग्लूकोज सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12561/62 जयनगर-नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 11061/62 जयनगर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल पवन एक्सप्रेस, 13021/22 रक्सौल-रक्सौल-नई दिल्ली संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 15549/50 जयनगर-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस, 14649/50 जयनगर-अमृतसर सरयू यमुना एक्सप्रेस, 14673/74 जयनगर-अमृतसर शहीद एक्सप्रेस आदि को रवाना किया गया।
पहले प्रकाशित : 30 दिसंबर, 2024, 14:40 IST