हैल्थ

आंखों में ये बीमारी हुई तो चली जाएगी रोशनी, 40 की उम्र से रेगुलर आई चेकअप कराना है जरूरी, ये लोग हैं डेंजर जोन में

आंखें लंबी उम्र तक दुनिया को साफ देख पाएं, इसके लिए आंखों का रेगुलर चेकअप कराना जरूरी है. कई बार लोग 40 वर्ष की उम्र तक आंखों की जांच नहीं कराते हैं और कई आंखों की बीमारियां हो जाती हैं. एम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार, 40 साल से अधिक उम्र होने पर ग्लूकोमा (ग्लूकोमा) की समस्या बढ़ सकती है, इससे दृष्टिहीनता (blindness) होने का रिस्क रहता है. ऐसे में रेगुलर आई चेकअप करानी चाहिए ताकि आप ग्लूकोमा से बचे रहें.

क्या है ग्लूकोमा? (What is glaucoma)

ग्लूकोमा या काला मोतिया आंखों में होने वाली एक बीमारी है, जिसका इलाज न कराया जाए तो आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है. दृष्टिहीनता (blindness) का कारण बन सकती है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नेत्र विज्ञान के प्रोफेसर और आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेल्मिक साइंसेज में ग्लूकोमा सेवाओं के प्रमुख डॉ. तनुज दादा का कहना है कि ग्लूकोमा या काला मोतिया आंखों की ऑप्टिक तंत्रिका की बीमारी है, जो दुनिया में स्थायी ब्लाइंडनेस का सबसे बड़ा कारण है. इस बीमारी में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. अगर ग्लूकोमा का समय पर पता नहीं चले तो यह आंखों की रोशनी की हानि और दृष्टिहीनता का कारण बन सकता है.

सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह कई बार स्थायी रूप से दृष्टि हानि का कारण भी बन सकता है. ऐसे में जिन लोगों की उम्र 40 साल से ऊपर है, उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. यदि आपको किसी भी तरह की कोई आंखों से संबंधित समस्या नहीं है, कोई लक्षण नहीं हैं, तो आपको प्रत्येक दो वर्ष में अपनी आंखों का चेकअप कराएं.

किन्हें होता है ग्लूकोमा होने का खतरा

जिन लोगों हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज हो या फिर जिनके परिवार में किसी को ग्लूकोमा हो, उनमें ग्लूकोमा होने का रिस्क अधिक रहता है. जो लोग स्टेरॉयड, क्रीम, आई ड्रॉप, टैबलेट या इन्हेलर का इस्तेमाल करते हैं या जिनकी आंखों में कोई चोट लगी हो, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा है. भारत में कई मामलों में, लगभग 90 प्रतिशत समय बीमारी का पता नहीं चल पाता है.

ग्लूकोमा से बचने के उपाय

जिनमें ग्लूकोमा होने का रिस्क है, उन्हें ग्लूकोमा से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए. 60 साल से अधिक उम्र होने पर यह जांच बेहद जरूरी हो जाती है, तभी आप ब्लाइंडनेस से बच सकते हैं.

इनपुट-आईएएनएस

इसे भी पढ़ें: आपके खुश रहने के लिए जरूरी है ये फील गुड हॉर्मोन, शरीर में इसकी कमी से दिखते हैं ये लक्षण, जानें ये क्या है?

टैग: स्वास्थ्य

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *