
किन्नर ने इस मंदिर की कहानी को भगवान के रूप में बदल दिया
नाराः उत्तर प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों में करीब 44 साल बाद खुले गौरी शंकर शिव मंदिर में साफ-सफाई और रंगाई का काम शुरू हो गया है। मंदिर के ऊपरी गुंबर को भगवान के रंग से रंगा गया है। साथ ही मंदिर के गेट के पास भगवान रंग से प्राचीन शिव गौरी मंदिर लिखा है. साथ ही जय श्री राम भी लिखा है. नगर निगम के श्रमजीवी मालवा में चढ़े हुए हैं।
इस प्राचीन मंदिर के बगल में एक किन्नर मोहिनी का परिवार रहता है, जिज्ञासु ने बताया कि वो राक्षस है 4 साल पहले यहां पर रहने की जगह थी और इस मंदिर के आसपास उन्होंने सीसीटीवी कैमरे लगाए थे ताकि यहां कोई मलबा न फेंक सके। इसका ठीक होना ठीक रहता है. लेकिन गर्भ गृह में वो जा नहीं सका. ये मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच में है, इसलिए लोग पहले नहीं आए थे. अब अच्छा लग रहा है इसे पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है।
मंदिर की भीतरी सफाई के दौरान जमीन से लगभग 3 फीट नीचे शिव परिवार की खंडित मूर्तियां दबी हुई मिलीं और दीवार पर हनुमान जी की प्रतिमा भी मिली। आइए जानते हैं मंदिर का 44 साल पुराना इतिहास क्या है?
1980 में नागफनी क्षेत्र के इलाके में दंगे में मंदिर के पुजारी भीमसेन की हत्या के बाद बंद गोरी शंकर मंदिर के कपाट आज एसडीएम सदर राम मोहन मीना ने पुलिस टीम के साथ मिलकर स्थापित किए। पहले मंदिर के पुजारी के पद पर सेवाराम मंदिर के पास दर्शन करने गए थे, लेकिन आज वो पुलिस प्रशासन की टीम के साथ मंदिर और मंदिर के कपाट बंद कर मंदिर की पवित्रता से खुश नजर आए, सेवा राम ने कहा कि अब उन्हें कोई डर नहीं है .
पहले प्रकाशित : 31 दिसंबर, 2024, 13:04 IST