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अगर आप अच्छा खेलेंगे तो ‘पीआर’ की जरूरत नहीं पड़ेगी… एमएस धोनी ने बताया- कैसी चल रही है आईपीएल की तैयारी

नई दिल्ली. भारत को दो बार विश्व कप जिताने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि अच्छा क्रिकेट खेलते रहने पर जनसंपर्क (पीआर) की कोई जरूरत नहीं होती है. धोनी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने दो लंबे करियर पर बात की. धोनी ने बताया कि कैसे उनके प्रबंधक अक्सर जनसंपर्क के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाने का सुझाव देते थे लेकिन वे हमेशा इससे दूर रहे.

एमएस धोनी ने ‘यूरोग्रिप टायर्स’ के ‘ट्रेड टॉक्स’ के हालिया एपिसोड में कहा, ‘मैं कभी भी सोशल मीडिया का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं रहा हूं. मेरे साथ कई मैनेजर (प्रबंधक) ने काम किया और वे मुझे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की सलाह देते थे.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने 2004 में खेलना शुरू किया था. उस वक्त ट्विटर और इंस्टाग्राम लोकप्रिय हो रहे थे और प्रबंधक कई तरह के तर्क देकर कह रहे थे कि आपको कुछ पीआर बनाना चाहिए. इस पर मेरा एक ही जवाब था कि अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं तो मुझे पीआर की जरूरत नहीं है.’

एमएस धोनी ने कहा, ‘यह हमेशा होता था कि अगर मेरे पास (सोशल मीडिया के लिए) कुछ शेयर करने जैसा होता है तो मैं करूंगा. मैं इन चीजों का तनाव नहीं लेता हूं कि किसके कितने फॉलोअर्स हैं, कौन क्या कर रहा है क्योंकि मैं जानता हूं कि अगर मैं क्रिकेट का ध्यान रखूंगा तो बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा.’

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 2020 में अलविदा कहने वाले 43 साल के धोनी इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी (18वां सत्र) सत्र में खेलने की तैयारी शुरू करने वाले है. उन्होंने माना कि उम्र के इस पड़ाव पर फिटनेस बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण है.

चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘मैं पहले की तरह फिट नहीं हूं. फिट रहने के लिए आप क्या खा रहे हैं इस पर अब बहुत नियंत्रण करने की जरूरत है. मैं क्रिकेट के लिए फिट रहने के लिए बहुत खास काम कर रहा हूं. मैं तेज गेंदबाज नहीं हूं. इसलिए मेरी जरूरतें उतनी अधिक नहीं हैं.’

धोनी ने कहा, ‘मुझे वास्तव में खाने और जिम जाने के बीच बहुत सारे खेल खेलने से मदद मिलती है. इसलिए जब भी मुझे समय मिलता है तो मैं कई अलग-अलग खेल जैसे कि टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल  खेलना पसंद करता हूं. खेल मुझे व्यस्त रखते हैं. यह फिटनेस बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका है.’

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाने वाले धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं खलती है क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इस खेल से देश को गौरवान्वित करने अपनी भूमिका निभा ली है. उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा था कि मुझे और समय मिलेगा, लेकिन यह थोड़ी निराशा की बात है कि मुझे ज्यादा समय नहीं मिला. मुझे अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी महसूस नहीं होती है क्योंकि मैं हमेशा मानता हूं कि आप कुछ सोच समझ कर अपने फैसले लेते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘एक बार जब आपने निर्णय ले लिया तो उसके बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए मैं अपने देश के लिए जो कुछ भी कर पाया, भगवान की कृपा से बहुत खुश हूं.’  धोनी ने जीवन में अपनी सफलता का श्रेय  माता-पिता और करीबी दोस्तों को दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता को बहुत त्याग करना पड़ा. मुझे लगता है कि आज मेरे पास जो बहुत अनुशासन है, वह मेरे माता-पिता के कारण है। दोस्त भी हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं.’

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