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IND VS AUS : सिडनी का संग्राम जीतने के लिए रोहित-गंभीर को लेना होना रिस्क, टीम इंडिया के पास समय कम काम ज्यादा

सिडनी. बीती बात बिसारिए और आगे की सुध ले वाली कहावत पर अमल करके भारतीय टीम को मेलबर्न मिली हार को जल्दी भुलाना होगा क्योंकि सिडनी में शुरू होने वाले बीजीटी सीरीज़ के पांचवें और अंतिम टेस्ट पर ध्यान देने का समय है. सबकुछ भूलकर नए सिरे से काम करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय है .1 जनवरी को भारतीय टीम ने आराम करना पसंद किया वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मैदान पर जमकर पसीना बहाया. यानि अब भारत के पास सिडनी के संग्राम से पहले सिर्फ एक प्रैक्टिस सेशन है जहां उनको ये देखना है कि हार के बाद पलटवार कैसे करना है और किस टीम के साथ वो मैच जीतने की कोशिश कर सकते है .

जसप्रीत बुमराह सीरीज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने हुए हैं और वह निश्चित रूप से एससीजी में एक और बार अच्छा प्रदर्शन करेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि मोहम्मद सिराज ने एमसीजी में ऑस्ट्रेलियाई दूसरी पारी में काफी बेहतर गेंदबाजी की। यह भारतीय टीम प्रबंधन के लिए बड़ी राहत होगी. आकाश दीप वास्तव में मेलबर्न के लिए उपयुक्त नहीं थे और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत हर्षित राणा के पास वापस जाता है. पिछले कुछ वर्षों में सिडनी की पिच  बदल गई है और हर्षित या प्रसिद्ध कृष्णा वास्तव में एससीजी में एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

स्पेशलिस्ट खिलाड़ी से बनेगी बात

थोड़ी गेंदबाजी थोड़ी बल्लेबाजी करने वालें खिलाड़ियों के साथ क्या हुआ वो हमने मेलबर्न में देख लिया. टीम इंडिया को अपनी सोच को सकारात्मक रखने की आवश्यकता होगी। यदि वे गेंदबाजी को राहत देने के लिए ऑलराउंडरों को खिलाते हैं तो यह दो ऑलराउंडर, वाशिंगटन सुंदर और नितीश रेड्डी नहीं हो सकते हैं, जो पूरे टेस्ट मैच में केवल 27 ओवर फेंकते हैं. ऐसे में वे ऑलराउंडर नहीं बल्कि बल्लेबाज बनकर खेल रहे हैं. जबकि नितीश रेड्डी शानदार रहे हैं, सवाल उठता है कि क्या शुभमन गिल को सुंदर से पहले एससीजी में मौका मिलना चाहिए? हालांकि सुंदर ने कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि भारत रोहित शर्मा या विराट कोहली को बाहर करना चाहेगा. और यहीं पर सुंदर को बाहर बैठना पड़ सकता है.

ऑस्ट्रेलिया जीता जरूर पर परेशान है

आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी में काफी कमजोरी है और इस श्रृंखला में यह बार-बार उजागर हुई है.मेलबर्न में  94-6 के स्कोर के बाद भारतीय गेंदबाजों को  ऑस्ट्रेलियाई पारी को 150 रन पर समेट देना चाहिए था पर बुमराह और सिराज के थक जाने से भारतीय गेंदबाजी टैंक में ज्यादा जान नहीं बची थी .यहीं पर हर्षित राणा, अपने हिट द डेक विकल्प के साथ काम में आता  जो एक बड़ी चूक थी .
जरूरत है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट अपनी सोच को टेस्ट क्रिकेट वाली बनाए क्योंकि टी 20 वाली रणनीति से पांच दिन की क्रिकेट नहीं जीत सकते. और अगर सिडनी में ऐसा होता है तो कोई कारण नहीं है कि नए साल में ऑस्ट्रेलिया को टीम इंडिया हरा दे . एक बात तो साफ है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जितने खतरे में है उससे कहीं ज्यादा खतरा कप्तान रोहित शर्मा के लाल गेंद का करियर में है, रोहित शर्मा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का समय आ गया है. 1-3 की हार हो या 1-2 की हार क्या फर्क पड़ता है. इसलिए जोखिम उठाएं, प्लान करें  और ऑस्ट्रेलिया पर सीधी चोट करें.। सीरीज का स्कोर 2-2 रहने का मतलब होगा कि भारत विजयी होगा. भारतीय फैंस को अपनी टीम से नए साल पर ऐसे तोहफे की उम्मीद जरूर होगी.

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