
गर्मियों में इन पत्तियों का करें सेवन, हृदय रहेगा स्वस्थ और जोंडिस का हो जाएगा अंत, शरीर में ठंडक का होगा अहसास
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Consuming Peepal Leaves Health Benefits: वृक्ष में पीपल को ऑक्सीजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है. अन्य वृक्षों की तुलना में ये 24 घंटे ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है. गर्मियों में पीपल के पत्तों का उपयोग शीशम …और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- पीपल के पत्ते 24 घंटे ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं.
- पीपल, शीशम, बेल के पत्ते गर्मियों में शीतलता देते हैं.
- पीपल के पत्तों का काढ़ा हृदय और पीलिया रोगों में लाभकारी है.
पश्चिम चम्पारण. वृक्ष में पीपल को ऑक्सीजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है. अन्य वृक्षों की तुलना में ये 24 घंटे ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है. जानकारों की मानें, तो इसमें टैनिक एसिड, एस्पार्टिक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स, स्टेरॉइड्स, विटामिन, मेथियोनिन और ग्लाइसिन जैसे तत्व पाए जाते हैं. यही कारण है कि इसके पत्ते, छाल तथा बीज को कई प्रकार की समस्याओं के उपचार हेतु उपयोग में लाया जाता है.
शीशम के साथ करें इन पत्तों का भी सेवन
पिछले 40 वर्षों से कार्यरत तथा वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि यदि गर्मियों में पीपल के पत्तों का उपयोग शीशम तथा बेल के पत्तों के साथ किया जाए, तो चिलचिलाती धूप में भी शरीर को शीतलता के साथ लिकोरिया, व्हाइट डिस्चार्ज, अत्यधिक पसीने की समस्या, पित्त तथा नकसीर जैसी समस्याओं से पूर्णतः राहत मिलती है. गर्मी में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए पीपल, शीशम तथा बेल के पत्ते बेहद कारगर हैं.
15 पत्तियों में हृदय रोग का नाश
आयुर्वेदाचार्य भुवनेश लोकल 18 को आगे बताते हैं कि पीपल की 15 नरम पत्तियों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से तब तक उबाएं, जब तक कि वह एक तिहाई शेष न रह जाए. अब उसे ठंडा करके छान लें और हर 3 घंटे के बाद सेवन करें. ऐसा करने से हृदय सम्बंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है.
5 पत्तियों में पीलिया का अंत
यदि आप पीलिया की समस्या से परेशान हैं, तो पीपल की 5 नर्म पत्तियों से काढ़ा तैयार कर लें. अब इस काढ़े में हल्की और मिश्री मिलाकर दिनभर में दो से तीन बार पिएं. ऐसा करने से पीलिया की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
शरीर को शीतल कर रोगों से करेगा बचाव
गर्मियों के मौसम में यदि आप पीपल के पत्तों के साथ शीशम तथा बेल के पत्तों को मिलाकर उससे तैयार काढ़े का सेवन करते हैं, तो यकीन मानिए कि दोपहर की कड़कती धूप में भी शरीर का तापमान सामान्य रहेगा और आपको अंदर से शीतलता का एहसास होगा. इसके अलावा लिकोरिया, व्हाइट डिस्चार्ज, अत्यधिक पसीने की समस्या, पित्त की बढ़ोतरी तथा नकसीर आने जैसी समस्याओं से भी पूर्णतः राहत मिलेगा.
इस मात्रा में करें सेवन
बकौल आयुर्वेदाचार्य, पीपल के पत्ते बेहद कड़वे होते हैं. ऐसे में यदि आप इसके पत्तों का काढ़ा बनाते हैं, तो ध्यान रहे कि कम पानी के साथ इसके 3 से 5 पत्तियों का ही उपयोग करें और दिनभर में दो से तीन बार सेवन करें. ठीक इसी प्रकार यदि आप इन पत्तियों का चूर्ण बनाते हैं, तो दिनभर में ढाई से पांच ग्राम की मात्रा का ही सेवन करें.
Pashchim Champaran,बिहार
16 मार्च, 2025, 22:07 है
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.