मध्यप्रदेश

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बच्चों ने बनाया ‘शॉकिंग शुक्ज़’; मनबढ़ों को अनैच्छिक मुद्रा का झटका! जानिए विशिष्टता…

भोपाल। राजधानी भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस इन दोनों में शहर के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा तैयार किए गए अनोखे मॉडल देखने को मिल रहे हैं। छोटी सी उम्र के बच्चों ने महिला सुरक्षा का ध्यान रखते हुए शॉकर शूज़ का निर्माण किया है। इसका अर्थ यह है कि शरीर के पिरामिड में एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बना होता है, जिससे अगर कोई उन्हें छूता है तो उसमें करंट के संकेत शामिल होते हैं।

लोकल 18 से बात करते हुए शुज को बनाने वाले आईएस ईएस पब्लिक स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र सूर्यांश वरिवा ने बताया कि हाल के दिनों में महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं, जिसमें प्रशासन और शासन स्तर पर अपने-अपने स्तर पर काम किया जा रहा है। . इसी कड़ी में हम भी अपना योगदान देना चाहते हैं। इसलिए हमने यह शॉकिंग शूज़ बनाए रखा है। उदाहरणार्थ विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है।

डेंजर का झटका
सूर्यांश ने बताया कि इस परिधान को डिजाइन करने के पीछे का मकसद महिलाओं की सुरक्षा है। इस प्रयोग को किसी भी महिला द्वारा पसंद किया जाता है यदि किसी व्यक्ति ने गलत इरादे से छूट दी है तो उसे प्रयोग का झटका कहा जाता है। इसमें एक खास तरह की डिजिटल तैयारी करके कस्टम्स के इनसाइड फिट की मदद से महिला के आस-पास एक करंट का प्रभाव पड़ता है और उसे जोर का झटका लगता है।

इसके लिए हमने सबसे पहले बिल्डर का इस्तेमाल किया है, जिसमें ग्राउंड वायर की मदद से शरीर से जुड़े होने के कारण सामने वाले व्यक्ति को 400 किवाट का झटका लगा है। सूर्यांश ने बताया कि हमने इसका अवलोकन डेमोकेशियल तौर पर तैयार किया है, जिसमें करीब 200 वाट के प्लांट का इस्तेमाल किया गया है।

15 दिन में हुई तैयारी
सूर्यांश ने बताया कि इस पूरी पत्रिका को तैयार करने में करीब 15 दिन का समय लगा। हालाँकि उन्होंने इसे करीब 1 साल पहले बनाने का सोचा था, लेकिन इसके कंपोनेंट्स नहीं मिल पा रहे थे। काफी अध्ययन के बाद उन्हें उसके घटक मिले और उन्होंने अपने मित्र प्रशिक्षकों और अभिभावकों की मदद से यह शॉकिंग शूज़ तैयार किया।

पिता बच्चों को सिखाते कराटे
सूर्यांश के पिता सैकडो बच्चों और खास तौर पर लड़कियों को कराटे सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए सूर्यांश ने कुछ खास उपकरण तैयार किए इसके बाद सूर्यांश ने यह शॉकिंग शूज बनाया, जिसे बनाने में लगभग 250 रुपए की लागत आई है।

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