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परीक्षा पे चर्चा 2025 का पंजीकरण 3.5 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड तोड़ आवेदनों के साथ समाप्त हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ का हिस्सा बनने के लिए इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों ने अपना पंजीकरण कराया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अभी तक परीक्षा पे चर्चा में शामिल होने के लिए 3.5 करोड़ से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. परीक्षा पे चर्चा में रजिस्ट्रेशन कराने वालों में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी शामिल हैं.

रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस बंद हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने का तरीका सिखाती है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह पहल परीक्षा को जश्न के पर्व में परिवर्तित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में निरंतर प्रगति कर रही है. गौरतलब है कि इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री परीक्षा से जुड़े छात्रों के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री छात्रों को यह मार्ग भी दिखाते हैं कि कैसे बिना तनाव और दबाव के परीक्षाओं में शामिल होना है.

3.5 करोड़ से अधिक पंजीकरण

कार्यक्रम के 8वें संस्करण ने भारत और विदेशों के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से 3.5 करोड़ से अधिक पंजीकरण के साथ एक खास उपलब्धि हासिल की है. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह प्रतिक्रिया एक सच्चे जन आंदोलन के रूप में कार्यक्रम की बढ़ती लोकप्रियता को प्रदर्शित करती है. पीपीसी 2025 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण माईगोवडॉटइन पर 14 दिसंबर 2024 से प्रारंभ हुआ और 14 जनवरी 2025 तक जारी रहा. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला यह इंटरैक्टिव कार्यक्रम शिक्षा का एक बहुप्रतीक्षित उत्सव बन गया है.

गतिविधियों का आयोजन

साल 2024 में इसका 7वां संस्करण भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में टाउन हॉल प्रारूप में आयोजित किया गया था. पीपीसी की भावना के अनुरूप, 12 जनवरी 2025 (राष्ट्रीय युवा दिवस) से 23 जनवरी 2025 (नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती) तक स्कूल स्तर पर कई आकर्षक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को प्रोत्साहन देना और परीक्षाओं को उत्सव के रूप में मनाने के लिए प्रेरित करना है.

इन गतिविधियों में स्वदेशी खेल प्रतियोगिताएं, मैराथन दौड़, मीम प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, योग और ध्यान सत्र, पोस्टर प्रतियोगिता, प्रेरणादायक फिल्मों का प्रदर्शन, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाएं और परामर्श सत्र, कविता व गीत आदि शामिल हैं. इन गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा को दबावपूर्ण गतिविधि के बजाय एक यात्रा के रूप में मनाना सिखाया जाता है.

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