
महाकुंभ का विशाल भंडार, जब करोड़ों लोग संगम में चढ़े रहे फल-फूल और दिये, फिर कहां जा रहे हैं ये सब?
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महाकुंभ 2025: रविवार को महाकुंभ का तीसरा दिन है. पिछले दो दिनों में पांच से अधिक आश्रम में लाखों की संख्या में छात्र मिले हैं। महाकुंभ के पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया।
इलाहाः उत्तर प्रदेश के संगम तट पर महाकुंभ का आयोजन पूरा हो चुका है। पिछले दो दिनों में पांच करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हो गए हैं। वहीं आज भी लाखों की संख्या में वैश्या का तांता लगा हुआ है. लोग त्रिवेणी संगम में फूल से लेकर नारियल चढ़ा रहे हैं। लेकिन फिर भी संगम का पानी बिल्कुल साफ है। असल में, संगम की साफ-सफाई के लिए सैकड़ों लोगों की स्थापना की गई है। संगम में कुल 40 नाव लेकर कर्मचारी कर्मचारी और हाथों में जाल ले रखे हैं। जैसे ही उन्हें फूल, नारियल और अन्य तरह की चीजें दिखती हैं तो उन्हें जाल में फंसाकर निकाल लिया जाता है।
बता दें कि रविवार को महाकुंभ का तीसरा दिन है। पिछले दो दिनों में पांच से अधिक आश्रम में लाखों की संख्या में छात्र मिले हैं। महाकुंभ के पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। वहीं मकर संक्रांति के पावन पर्व पर 3 करोड़ से अधिक भक्तों ने अमृत स्नान किया। इसमें 13 अखाड़ों के साधु-संत भी शामिल हैं। महाकुंभ में सफाई पर विशेष जोर दिया गया है।
पानी के अंदर के साथ-साथ संगम के तट पर सफाई के लिए अलग-अलग टीमें नियुक्त की गई हैं, जिनकी एक विशेष पोशाक है और उस पोशाक के पीछे बड़े-बड़े आकार के चित्र में लिखा है कि ग्राउंडसाफ। इस टीम में अलग-अलग सैंडविच से लोग साफ-सफाई करने के लिए आए हैं. बता दें कि महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और 26 फरवरी को समाप्त होगा. इस दौरान कुल 6 स्नान होते हैं, जिनमें से 3 अमृत स्नान होते हैं। इस बार उम्मीद की जा रही है कि वैभव का पात्र 40 से 50 करोड़ तक पहुंच सकता है।
15 जनवरी, 2025, 11:23 IST