
NEET UG 2025: ये है यूपी का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज, 26000 रुपये है एमबीबीएस की फीस, देखने के लिए चाहिए इतनी रैंक
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NEET UG 2025: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (पुराना नाम किंग मेडिकल जॉर्ज कॉलेज) यूपी का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है। इसकी स्थापना जनता के पैसे से हुई थी. यह देश के टॉप 20 मेडिकल सीमेंट में से एक है।

NEET UG 2025: केजी ग्रेजुएट की NIRF रैंकिंग 19वीं है।
उत्तर
- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यूपी का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है।
- केजी रियासत में प्रति वर्ष 26000 रुपये फीस है।
- अंतिम चरण में नीट यूजी रैंक 2000 से कम होना चाहिए।
NEET UG 2025: देश के टॉप मेडिकल साइंस की बात है तो उत्तर प्रदेश के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) का जिक्र लाज़मी है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना मेडिकल स्टोर में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1905 में हुई थी। इसके संस्थापक ब्रिटेन के प्रिंस ऑफ वेल्स ने राखी थी। एनआईआरएफ
रैंकिंग 2024 के अनुसार, यह देश के टॉप 20 मेडिकल रिकॉर्ड में से एक है। इसकी रैंक 19वीं है.
केजी दाख़िले के गद्दामी कार्यक्रम में साधू नीट यूजी के माध्यम से होता है। यहां 250 श्रद्धालु हैं। जिसमें से 15 प्रतिशत पोर्टफोलियो पर ऑल इंडिया कोटा दर्ज होता है।
केजीएमयू एमबीबीएस प्रवेश: अंतिम वर्ष में छात्रों के लिए रैंक
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट के लिए नीट यूजी में रैंक 2000 से कम ही होनी चाहिए। साल 2024 में केजी मिर्ज़ा की नेट यूजी कटऑफ रैंक थर्ड राउंड की मिसाल के बाद 2059 थी। जबकि बीडीएस की कटऑफ रैंक 29714 थी। जबकि साल 2023 में जनरल कैटिगरी के नॉट यूजी कटऑफ की रैंक 2199 थी।
केजीएमयू एमबीबीएस प्रवेश: अंतिम की फीस
केजी संपत्तियों में प्रथम वर्ष की फीस सामान्य वर्ग के लिए 26000 रुपये और शेष तीन साल तक प्रति वर्ष 24000 रुपये है। जबकि, एबीसी/एसटी/एसटी के लिए प्रथम वर्ष की फीस 17000 रुपये और शेष तीन वर्ष 13000 रुपये प्रति वर्ष है। फ़ेस के बारे में अधिक जानकारी के लिए केजी मार्केट की वेबसाइट पर जाएँ।
केजी मास्टर कैसे स्थापित हुआ?
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की स्थापना की सबसे पहले आवश्यकता 1810 में महाराजा विजय नागागे ने स्पष्ट की थी। इसके लिए उन्होंने तीन लाख रुपए दान का प्रस्ताव रखा। लेकिन आर्थिक अर्थशास्त्र पर नजर रखी गई विचारधारा यूनाइटेड प्रोविंस सरकार ने प्रस्तावों पर विचार करने की मंजूरी नहीं दी। इसके बाद वर्ष 1905 में प्रिंस ऑफ वेल्स भारत यात्रा पर आये। जागीरबाद के राजा सर तसद्दुक रसूल ने अयोध्या के राजा से स्थापना का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे यूनाइटेड प्रोविंस के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स लात्सु के माध्यम से भारत सरकार से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की संस्तुति करें। इसके बाद कॉलेज की स्थापना को मंजूरी मिल गयी। लेकिन शर्त रखी गयी कि इसके लिए जनता से आठ लाख रुपये इकठ्ठा हो जायेंगे। यह शर्त पूरी होने के बाद 21 दिसंबर 1905 को प्रिंस ऑफ वेल्स ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की स्थापना की। इसकी स्थापना पर करीब 11 लाख रुपए की लागत आई।
नई दिल्ली,नई दिल्ली,दिल्ली
22 जनवरी, 2025, 00:00 IST