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जोधपुर पुलिस की दहाड़ से बरामद की गई ये वस्तुएं

एजेंसी:न्यूज18 राजस्थान

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जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत चार दिनों में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी शामिल है। पुलिस ने इन मामलों में 15 चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 साल…और पढ़ें

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साइबरब्यूज़ के चार मामलों का खुलासा, 7 करोड़ का फ्रॉड, 15 निवेशकों का गिरफ़्तारी

जोधपुर:- साइबर क्राइम करने वाले अच्छे दोस्त यह सोच रहे होंगे कि पुलिस ने उन्हें कुछ नहीं छोड़ा, मगर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट टीम की बात करें, तो वेस्ट राजर्षि राज वर्मा ने साइबर क्राइम को काफी पसंद किया। इसी का नतीजा है कि साइबर प्लेयर्स पर इस तरह का पंजा मारा गया कि उनके खुलासे हो गए। पुलिस कमिश्नरेट के ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत चार दिनों में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी शामिल है। पुलिस ने इन मामलों में 15 चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 युवतियां भी शामिल हैं.

वोटर्स राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत चार अहम मामलों का खुलासा हुआ। इनमें से दो मामलों में फर्जी कॉल सेंटर की डकैती में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। एक अन्य मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से यूएसडीटी का अवैध लेन-देन कर शेयर करने वाले एक युवक को पकड़ लिया गया। चौथे मामले में एक बुजुर्ग को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से गिरफ्तार किया गया था, जिसने एक बुजुर्ग को फ्रेंड्स क्लब का बंधक बनाकर 42 लाख रुपये की डकैती की थी।


कार डेट के डेटा चुराए गए, युवतियां झांसे में ली गईं

वोट ने बताया कि इन मामलों में पुलिस के पास से 10 क्रेडिट कार्ड, 37 एटीएम कार्ड, 52 सिम कार्ड और 35 मोबाइल बरामद हुए हैं। इस ऑपरेशन के तहत 203 मोबाइल नंबर और 799 आई सेक्टर नंबर को ब्लॉक कर दिया गया है, जो साइबर क्राइम में इस्तेमाल हो रहे थे। भगत की कोठी के नाम से मशहूर सरदार पदमा के नेतृत्व में पुलिस ने डीआईपी नगर के मकान में चल रहे कॉल सेंटर में बंधक केबीएचबी निवासी कंचनजंघा प्रजापत को गिरफ्तार कर लिया। यह एक मोबाइल व दो रजिस्टर जब्ती है।

लीडर गौरव पंजाबी और अमित सिंह नीनी हन्नीसिंह नेशनल ब्रेकडाउन सर्विस टू इंडिया नाम से कॉल सेंटर चला रहे थे। दोनों गिरफ्तार नहीं हुए हैं. दोनों ऑटोमोबाइल ऑटोमोबाइल या कंपनियों से नई कारों के शेयरधारक का डेटा चुराकर व्हाट्सएप ग्रुप सेंटर में 5-6 युवतियों को दिए गए थे। जो मोबाइल पर एसोसिएट्स करता है और कार खराब होती है 3500 से 4000 रुपये में सर्विस किराने की दुकानें चलती हैं। ऑनलाइन रुपए जमा होने पर कूरियर के मार्फ़त कार्ड सेनेटरी सिम एंटरप्राइजेज का बिजनेस था। यह कॉल सेंटर एक साल से चल रहा था।

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फ्रेंड्स क्लब की संस्था का नाम दोस्ती राशि पर
बासनी थाना क्षेत्र में एक 57 साल के बुजुर्ग को कॉल कर एक व्यक्ति ने उसे महिलाओं से चोरी के संपर्क के लिए फ्रेंड्स क्लब में शामिल होने के लिए बुलाया। बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी यह बात ग्यान क्लब की सदस्यता के लिए शुल्क जमा करवा दी। इसके बाद बुजुर्ग ने कुछ वीडियो में उसे ब्लैकमेल किया और 42 लाख रुपये से ज्यादा की रकम हड़प ली। इस मामले में बासनी पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि मुख्य कचरा पश्चिम बंगाल के मिदनापुर क्षेत्र का रहने वाला है। बासनी स्टेशन के सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम के शोरूम में, जिसने बासनी अश्विनी ओझा को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से करीब 1 लाख रुपये की नकदी भी बरामद हुई है.

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जोधपुर पुलिस की दहाड़ से आतंकवादियों पर कार्रवाई

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