
फोड़े-फुंसी को ऐसे ठीक कर देती थी दादी-नानी, जान गए तो जीवनभर आएगा काम
एजेंसी:News18 Uttar Pradesh
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Fode Funsi ka Desi ilaj: फोड़े-फुंसी कभी भी किसी को भी हो सकते हैं. ये दिखने में तो छोटे होते हैं लेकिन दर्द बहुत तेज देते हैं. ऐसे में….

फोड़े और फुंसी के घरेलू नुस्खे
बलिया: कुछ सालों पहले जब डॉक्टर और अस्पताल बहुत कम हुआ करते थे उस दौरान घर पर ही दादी और नानी अपने नुस्खों से एक से बढ़कर एक बीमारियों को ठीक कर देती थी. आज उसी में से एक महत्वपूर्ण नुस्खे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं फोड़े और फुंसी के उपचार के लिए दादी-नानी के नुस्खे. इसमें अरहर की दाल, चूल्हे की जली हुई मिट्टी, नीम की पत्ती, शहतूत की पत्ती आदि शामिल है. विस्तार से जानिए.
बुजुर्ग महिला विद्यावती चौबे ने बताया कि कि वह बलिया जनपद के संवरा गोपालपुर की रहने वाली हैं. उनके समय में डॉक्टरी और हॉस्पिटल बहुत कम था. उस दौरान फोड़े-फुंसी का इलाज घरेलू नुस्खे पर किया जाता था जो लोगों को फायदा भी पहुंचाते थे. घरेलू नुस्खे इसलिए भी उपयोगी थे कि उनका बहुत ज्यादा कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता.
फोड़े-फुंसी ठीक करने के घरेलू नुस्खे
1- घर में किसी को फोड़ा हो गया तो दादी और नानी अरहर की दाल को पीसकर पहले गर्म करती थी और फिर उसमें देसी घी डाल कर फोड़े वाले हिस्से पर लगा दिया जाता था. इससे बड़े से बड़े फोड़े फट जाते थे. इसके बाद सब गंदगी बाहर निकाल दी जाती थी. इसे सूखाने के लिए घाव पर नारियल का तेल और कपूर लगाया जाता था.
2- फोड़ा को ठीक करने के लिए तूत यानी शहतूत की पत्तियों को पीसकर गर्म किया जाता था और उसे फोड़े वाले अंग पर लगाया जाता था. इस विधि से भी फोड़ा फट जाता था.
3- नीम के पेड़ की पत्तियों को पीसकर और गर्म करके थोड़ा सा नमक डाल कर फोड़े वाले अंग पर लगाने से फोड़ा से राहत मिलता है और वह सूख भी जाता है.
4- जब छोटा-मोटा फोड़ा फुंसी होता था तो, भोजन बनाने वाले मिट्टी के चूल्हे के अंदर की जली हुई मिट्टी में पानी लगाकर उसे गीला कर फोड़े-फुंसी पर लगाने से ठीक हो जाता था.
ध्यान दें: अरहर की दाल और नीम की पत्ती वाले नुस्खे को उक्त दादी खुद अपने बेटे पर आजमा चुकी हैं, जिसका बेहतर लाभ मिला है.
बलिया,Uttar Pradesh
23 जनवरी 2025, 2:52 अपराह्न IST