एजुकेशन

ग्रामीण भारत में सरकारी स्कूल नामांकन गिरावट ASER 2024 की रिपोर्ट में सामने आई

सरकारी स्कूलों में 6 से 14 साल के बच्चों की एनरोलमेंट दर 2022 में 72.9% से घटकर 2024 में 66.8% हो गई है, ये खुलासा ऐन्यूअल एजुकेशन स्टेटस रिपोर्ट (एएसईआर) (ग्रामीण) 2024 में हुआ है. हालांकि इस उम्र वर्ग का कुल एनरोलमेंट 98.1% है, लेकिन सरकारी स्कूलों का हिस्सा घटने से यह संकेत मिलता है कि कोरोना महामारी के बाद लोग अब निजी स्कूलों की तरफ रुख कर रहे हैं. कोविड के दौरान आर्थिक दबावों के चलते परिवारों ने सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता दी थी, जिससे एनरोलमेंट में अस्थायी वृद्धि हुई, लेकिन अब यह आंकड़ा फिर से महामारी से पहले के स्तर 66-67% पर आ गया है.

रिपोर्ट में एक्स्पर्ट्स बोले बेसिक मैथ्स पर देना होगा ध्यान

15-16 साल के आउट ऑफ स्कूल जाने वाले किशोरों की संख्या में लगातार कमी आई है, जो 2018 में 13.1% थी, और 2024 में 7.5% रह गई है. हालांकि, उच्च कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है. कक्षा 8 के छात्रों में केवल 45.8% बेसिक अरिथमेटिक करने में सक्षम हैं, जो हाल के वर्षों में नहीं बदला है. प्राइवेट स्कूलों के छात्रों में भी 2022 के बाद कोई खास सुधार नहीं हुआ है, जिससे यह साबित होता है कि शिक्षा में सुधार के लिए सिस्टमैटिक प्रॉब्लेम मौजूद हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य सरकारों को उच्च कक्षाओं में बेसिक मैथ्स की शिक्षा पर जोर देना चाहिए.

स्कूलों में लड़कियों के लिए नहीं हैं टॉइलेट्स

इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में कई राज्य पीछे हैं. मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे राज्यों में स्कूलों में उपयोगी टॉयलेट्स और पीने का पानी पर्याप्त नहीं है. 72% स्कूलों में ही लड़कियों के लिए उपयोगी टॉयलेट्स हैं, जबकि 77.7% स्कूलों में पीने का पानी है. खेल सुविधाओं में भी कोई खास सुधार नहीं हुआ है, क्योंकि केवल 66.2% स्कूलों में खेल के मैदान हैं.

प्राइमेरी एजुकेशन में हुआ सुधार

इसके बावजूद, सरकारी स्कूलों में प्राइमेरी एजुकेशन में सुधार देखा गया है. कक्षा 3 के छात्रों में से 23.4% अब कक्षा 2 का पाठ पढ़ सकते हैं, जो 2022 में केवल 16.3% थे. इसी तरह, गणित में भी सुधार हुआ है, जहां 27.6% कक्षा 3 के छात्र अब घटाव की क्वेश्चन सॉल्व कर सकते हैं, जो 2022 में 20.2% थे.

एनरोलमेंट में लगातार हो रही बढ़ोतरी

प्रारंभिक शिक्षा में भी अच्छी प्रगति हुई है, 3-5 साल के बच्चों के एनरोलमेंट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे राज्यों में इस आयु वर्ग का एनरोलमेंट लगभग यूनवर्सल हो गया है. सरकारी स्कूलों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति में भी सुधार हुआ है. शिक्षक की उपस्थिति 87.5% तक पहुंच गई है, जबकि छात्र उपस्थिति 75.9% हो गई है.

यह भी पढ़ें: ASER 2024: लड़कों की डिजिटल स्किल्स लड़कियों से है बेहतर, पढ़िए किस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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17/03/25