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पोषक तत्वों का पावर हाउस है ये जंगली घास, पेट की बीमारी के लिए काल, कहते हैं विषहरण जड़ी बूटी

एजेंसी:News18 राजस्थान

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हंस घास शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. इसी कारण इसे विषहरण जड़ी बूटी भी कहा जाता है. यह किडनी के कार्य की शक्ति को मजबूत करती है. इस धार्मिक दृष्टि से भी बहुत उपयोगी माना जाता है.

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इसे विषहरण जड़ी बूटी भी कहा जाता है.

हाइलाइट्स

  • हंस घास विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है.
  • यह किडनी और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है.
  • कब्ज और पाचन समस्याओं में उपयोगी है.

जयपुर. प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से बहुत उपयोगी होते हैं. वहीं, घास का उपयोग भी प्राचीन काल से मानव अपने दैनिक जीवन में करता आ रहा है. घास की ऐसी अनेकों प्रजातियों पाई जाती हैं जो मानव के शरीर के लिए बहुत उपयोगी है. इसके अलावा गणगौर जैसे अनेकों त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान भी घास के बिना अधूरे हैं.

ऐसी ही एक घास है जिसका नाम है हंस घास. नाम से ही यह घास विशेष लगती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि हंस घास दर्जनों बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार है. यह जड़ी-बूटी वाला पौधा है, जिसे कई नामों से जाना जाता है. यह घास बगीचों, खेतों और जंगलों के कोने-कोने में पाई जाती है. जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो हंस घास सदियों से पारंपरिक चिकित्सा का एक हिस्सा रही है, जो अपने चिकित्सीय गुणों के लिए बहुत फायदेमंद है.

हंस घास के स्वास्थ्य लाभ
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि हंस घास शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. इसी कारण इसे विषहरण जड़ी बूटी भी कहा जाता है. यह किडनी के कार्य की शक्ति को मजबूत करती है. इसे हर्बल चाय या डिटॉक्स पेय के के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. डॉक्टर ने बताया कि यह घास लसीका प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हंस घास एक लसीका टॉनिक है, जो अपशिष्ट को हटाने और लसीका परिसंचरण में सहायता करती है. इसके अलावा यह शरीर का इम्युनिटी बढ़ाने का काम भी करती है.

त्वचा के लिए भी फायदेमंद
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि परंपरागत रूप से, हंस घास का उपयोग त्वचा की समस्याओं को कम करने के लिए किया जाता रहा है. इसके सूजनरोधी गुण त्वचा की जलन को शांत करने में मदद कर सकते हैं, इसके अलावा सदियों से, हंस घास का उपयोग पाचन सहायता के रूप में भी किया जाता रहा है. इसके अलावा कब्ज को कम करने और पाचन तंत्र मजबूत बनाती है. डॉक्टर ने बताया कि हंस घास एक पोषक पावर हाउस है. यह विटामिन सी, विटामिन ए और आयरन सहित विटामिन और खनिजों से भरपूर है. इसे सलाद या जूस में शामिल करने से पोषक तत्वों में वृद्धि हो सकती है.

घरजीवन शैली

पोषक तत्वों का पावर हाउस है ये जंगली घास, पेट की बीमारी के लिए काल

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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