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श्वेता भारती की सफलता की कहानी एक 9 घंटे की नौकरी और एक IAS अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी तैयारी को संतुलित करती है

मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी कठिन परीक्षा को पास किया जा सकता है. UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षा के लिए आमतौर पर यह कहा जाता है कि 10 से 12 घंटे का अध्ययन जरूरी होता है. हम आपके लिए एक खास सीरीज ‘सक्सेस मंत्रा’ लेकर आए हैं, जिसमें आज हम आपको बताएंगे श्वेता भारती एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिखाया कि उन्होंने अपनी सिविल सेवा की तैयारी को निजी क्षेत्र में 9 घंटे की नौकरी के साथ संतुलित किया और सफलता प्राप्त की.

देश की एक बड़ी कंपनी में कर चुकी हैं काम

श्वेता भारती, जो बिहार की रहने वाली हैं, ने 2021 में UPSC की परीक्षा पास की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में अधिकारी बनीं. उनका जन्म बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार में हुआ था, और बचपन से ही उन्होंने शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल की. वे हमेशा से सरकारी सेवा में जाने का सपना देखती थीं, और यही सपना उन्होंने Wipro में काम करने के बावजूद भी जारी रखा. श्वेता ने नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी की, लेकिन अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्होंने कभी अपने काम को छोड़ने का विचार नहीं किया.

दिन में करतीं थी प्राइवेट नौकरी और रात में करती थीं पढ़ाई

श्वेता ने अपने समय का इस तरह से प्रबंधन किया कि दिन में वह अपनी नौकरी करती थीं और शाम को पढ़ाई में जुट जाती थीं. हालांकि, उन्हें यह मानना पड़ा कि नौकरी और परीक्षा की तैयारी को एक साथ करना आसान नहीं था. इस दौरान श्वेता ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन समुदायों से खुद को दूर कर लिया ताकि उनकी पढ़ाई में कोई विघ्न न आए. एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने स्मार्टफोन का उपयोग भी पूरी तरह से छोड़ दिया.

पहले बिहार लोक सेवा आयोग किया पास फिर IAS

श्वेता ने 2020 में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) के रूप में सरकारी नौकरी मिली. हालांकि, बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बावजूद उन्होंने UPSC की तैयारी जारी रखी. उनका लक्ष्य हमेशा सिविल सेवा में जाने का था, और आखिरकार 2021 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की, जिसमें उन्हें 356वीं रैंक प्राप्त हुई.

आज इस पोस्ट पर हैं तैनात

आज श्वेता भारती भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी के रूप में भलाहीपुर, बिहार में सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी सेवा दे रही हैं. उनका संघर्ष और समर्पण यह साबित करता है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही दिशा में प्रयास और समय का सही प्रबंधन बहुत जरूरी है. श्वेता ने यह दिखाया कि अगर आप मेहनत और समर्पण से काम करें, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.

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