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‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ एडल्ट टीबी वैक्सीनेशन कितनी है सुरक्षित, जानें नुकसान और फायदे

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TB Vaccination: भीलवाड़ा जिले को अब तक 2 लाख टीके प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 1 लाख 60 हजार लोगों का रजिस्ट्रेशन ई-विन पोर्टल पर किया जा चुका है.

एक्स

वैक्सीनेशन

वैक्सीनेशन करते चिकित्सा कर्मी

हाइलाइट्स

  • भीलवाड़ा में एडल्ट टीबी वैक्सीनेशन अभियान शुरू.
  • स्वास्थ्यकर्मियों और जोखिम समूहों को प्राथमिकता.
  • टीबी संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद.

भीलवाड़ा. क्षय रोग जिसे आमतौर पर टीबी के नाम से जाना जाता है एक घातक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है इस बीमारी से मुख्य रूप से फेफड़े प्रभावित होते हैं लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है.

भीलवाड़ा जिले में एडल्ट ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा हैं जो जिला अस्पताल के जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर सहित स्वास्थ केंद्र पर किया जा रहा हैं. भीलवाड़ा जिले को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है यह वैक्सीनेशन विशेष रूप से उन स्वास्थ्यकर्मियों और वयस्कों के लिए फायदेमंद होगा, जो टीबी रोगियों के संपर्क में रहते हैं.

टीबी संक्रमण के खतरे को कम करने में मिलेगी मदद
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी.पी. गोस्वामी ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के साथ-साथ छह विशेष श्रेणियों विशेषकर स्वास्थ्यकर्मी, टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले लोग, मधुमेह और किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, जेल में रहने वाले कैदी, विशेष जोखिम समूहों के अन्य नागरिकों को इस वैक्सीन में प्राथमिकता दी जाएगी. अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को इस वैक्सीन के लाभों के बारे में जागरूक करेंगी इसके साथ ही समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर कर अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा. यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इससे टीबी संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद करेगी.

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पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया भीलवाड़ा
जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने कहा कि साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में यह अभियान महत्वपूर्ण साबित होगा. ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ और ‘म्हारे गांव, टीबी ना पसारे पांव’ के संकल्प के साथ विशेष पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भीलवाड़ा व झुंझुनू जिले को चुनकर एडल्ट टीबी वैक्सीनेशन कार्यक्रम को जिले में शुरू किया गया है. ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ और ‘म्हारे गांव, टीबी ना पसारे पांव’ के तहत भीलवाड़ा जिला इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. भीलवाड़ा जिले को अब तक 2 लाख टीके प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 1 लाख 60 हजार लोगों का रजिस्ट्रेशन ई-विन पोर्टल पर किया जा चुका है.

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‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ एडल्ट टीबी वैक्सीनेशन कितनी है सुरक्षित

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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