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IND vs AUS: मुझे पता है विरोधी को कैसे सरेंडर कराना है… कोहली का सबसे बड़ा खुलासा, कैसे करते हें रनचेज?

आखरी अपडेट:

IND vs AUS Champions Trophy: विराट कोहली ने एक बार फिर दिखाया कि उन्हें क्यों चेज मास्टर कहा जाता है. कोहली ने 84 रन की पारी खेली और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए.

मुझे पता है विरोधी को कैसे सरेंडर कराना है... कोहली का सबसे बड़ा खुलासा

विराट कोहली ने 84 रन की पारी में 64 सिंगल्स और डबल से बनाए. (AP)

हाइलाइट्स

  • विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन बनाए.
  • विराट ने अपनी पारी में 64 रन सिंगल्स और डबल से बनाए.
  • शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए कोहली.

नई दिल्ली. विराट कोहली ने एक बार फिर दिखाया कि उन्हें क्यों चेज मास्टर कहा जाता है. चैंपियंस ट्रॉफी के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस पिच पर ज्यादातर बैटर बड़े शाॅट खेलकर विकेट गंवाते रहे, किंग कोहली ने उस पर 64 रन एक-दो रन दौड़कर बना डाले. विराट ने मैच के बाद अपनी स्ट्रेटजी का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वे मैच के दौरान ऐसा क्या करते हैं, जिसके चलते विरोधी दबाव में आकर मैच छोड़ देते हैं.

विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 98 गेंद में 84 रन बनाए. उनकी इस पारी में सिर्फ 5 चौके थे. इसके बावजूद कोहली का स्ट्राइक रेट 85 से ज्यादा रहा. उन्होंने 43 रन पर दो विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम का एक छोर संभाला और जीत पक्की होने पर ही पैवेलियन लौटे. कोहली को इस पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.

विराट कोहली ने अपनी इस पारी की तुलना पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक से की. उन्होंने कहा कि यहां के हालात में मिली सफलता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू स्ट्राइक रोटेट करना रहा. पाकिस्तान के खिलाफ मैच की ही तरह उन्होंने तेजी से इक्के दुक्के रन निकाले और अपनी पारी में सिर्फ पांच चौके लगाए. कोहली ने ने कहा, ‘यह पारी पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी जैसी थी. यह हालात को समझने और स्ट्राइक रोटेट करने की बात थी क्योंकि इस पिच पर साझेदारियां अहम थी.’ कोहली ने अपनी पारी में 56 सिंगल लिए और चार बार दो दो रन निकाले.

उन्होंने कहा, ‘यह सब यहां के हालात पर निर्भर करता है. मेरी टाइमिंग और पिच पर रवैया यही था कि हड़बड़ी नहीं करनी है. जितने एक एक रन मैने लिए हैं, वह मुझे सबसे ज्यादा खुशी दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह खेल दबाव के बारे में है. आपको जज्बात पर काबू पाना होता है. जब रनरेट छह रन प्रति ओवर था, मैं तब भी विचलित नहीं हुआ.’

यह पूछने पर कि क्या वे अपने वनडे कैरियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में हैं, कोहली ने कहा, ‘मुझे नहीं पता. यह आप सोचो. मैने कभी इस पर फोकस नहीं किया. जब आप उन उपलब्धियों के बारे में नहीं सोचते तो वे मिल जाती हैं. अगर मैं शतक बनाता तो अच्छा रहता लेकिन जीत उससे महत्वपूर्ण है. मेरे लिए अब वो सब चीजें मायने नहीं रखतीं.’ (इनपुट भाषा)

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