
सैफ अली खान पर हमला और लीलावती अस्पताल में काला जादू का खुलासा
आखरी अपडेट:
सैफ अली खान गंभीर रूप से घायल होने के बाद जहां एडमिट थे, वहां से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है. मुंबई के लीलावती अस्पताल में काला जादू किया गया. काले जादू के लिए इस्तेमाल की गई वस्तु अस्पताल परिसर से मि…और पढ़ें

सैफ अली खान घायल होने के बाद इसी अस्पताल में एडमिट थे. फाइल फोटो.
हाइलाइट्स
- सैफ अली खान के एडमिट होने वाले अस्पताल में काला जादू का खुलासा.
- लीलावती अस्पताल में 8 कलश मिले, जिनमें हड्डियां और बाल थे.
- मामला बांद्रा पुलिस और ED के पास दर्ज किया गया.
नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान जनवरी 2025 में सुर्खियों में तब आए, जब उनके घर में अचानक से एक शख्स ने धावा बोल दिया. अपने बच्चों और घर में मौजूद महिलाओं को बचाने के चक्कर में उनकी घर में घुसे आरोपी के साथ हाथापाई हुई. इस घटना में चोर ने सैफ पर धारदार हथियार से वार किया, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गए. देर रात वह ऑटो से खुद लीलावती अस्पताल पहुंचे. कुछ दिन के इलाज के बाद वह वापस अपने घर पहुंचे. हालांकि, अब मुंबई के लीलावती अस्पताल से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, क्योंकि वहां काला जादू भी किया गया था.
ट्रस्टी, प्रशांत मेहता ने दावा किया कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल क्षेत्र में नवीनतम ट्रस्टी बोर्ड के खिलाफ काला जादू किया. अब परमबीर सिंह, जो कि लीलावती अस्पताल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक हैं. उन्होंने खुलासा किया कि जिस कमरे में प्रशांत बैठते हैं, वहां काला जादू किया गया था.
फर्श के नीचे से निकले 8 कलश, मानव अवशेष, बाल, हड्डियां
फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत के कार्यालय के फर्श के नीचे आठ कलश पाए गए, जिनमें इंसानी बाल, खोपड़ी, हड्डियां और चावल थे. परमबीर ने एक इंटरव्यू में बताया कि
पूरी एहतियात लेते हुए हुए गवाहों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी करते हुए वो फर्श को खोदा गया. उसके नीचे से 8 कलश निकले, जिसमें से कुछ मानव अवशेष, बाल, हड्डियां थीं. इस तरह की वस्तु जो काले जादू के लिए उपयोग की जाती है, वो निकली हैं. ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि उसके पूर्व ट्रस्टियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों की तरफ से 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि का दुरुपयोग किया गया.
दर्ज हुई FIR, जांच शुरू
परमबीर ने बताया कि वीडियोग्राफी की गई और मामला बांद्रा पुलिस के पास ले जाया गया और महाराष्ट्र अधिनियम के तहत काला जादू और बुरी प्रथाओं का मामला दर्ज किया गया. लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMMT) की ओर से इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बांद्रा पुलिस स्टेशन में अलग-अलग शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं. बताया जा रहा है कि माननीय न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू हो गई है.
1997 थी लीलावती अस्पताल की स्थापना
लीलावती अस्पताल की स्थापना 1997 में लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट की ओर से की गई थी. इस अस्पताल को सभी क्षेत्रों के लोगों को हाई क्वालिटी हेल्थकेयर देने के लिए बनाया गया था. अस्पताल का नाम हीरा उद्योग के जाने-माने बिजनेसमैन कीर्तिलाल मेहता की मां लीलावती मेहता के नाम पर रखा गया. कीर्तिलाल मेहता गेम्बेल डायमंड्स के फाउंडर थे, जो दुनिया भर में शाखाओं वाला एक वैश्विक हीरा साम्राज्य है. बिजनेस के प्रति उनके जुनून और परोपकार के प्रति समर्पण ने उन्हें लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट बनाने के लिए प्रेरित किया, जो अस्पताल के संचालन के लिए सपोर्ट करता है. उनका परिवार उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है, अस्पताल भारत में लीडिंग हेल्थ केयर संस्थानों में से एक है.
नोएडा,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
12 मार्च, 2025, 10:26 है