
घर में लगा लें ये 32 तरह के पौधे, कभी नहीं जाना पड़ेगा डॉक्टर के पास, रहेंगे एकदम फिट…
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Jehanabad News : जहानाबाद के कृषि विज्ञान केंद्र में 32 औषधीय पौधे लगाए गए हैं. डॉ. अभय कुमार ने उनके गुण बताए. सरकारी स्कूल के बच्चों ने खेती का पैटर्न समझा.

मेडिशनल प्लांट्स के बारे में शिक्षा लेते स्कूली छात्र
हाइलाइट्स
- जहानाबाद में 32 औषधीय पौधे लगाए गए
- एलोवेरा, तुलसी, ब्राह्मी जैसे पौधे शामिल
- सरकारी स्कूल के बच्चों ने खेती का पैटर्न समझा
जहानाबाद : भारत में सदियों से पौधों का एक अलग ही महत्व रहा है. कृषि प्रधान देश में हर एक पौधा उपयोगी है. इन पौधों का कहीं न कहीं और कुछ न कुछ काम में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इस पौधे की खासियत ऐसी है कि आप बीमारी में दवाई का जो उपयोग करते हैं, वो इन्हीं औषधीय पौधों से बनता है. इन पौधों को घर पर भी आसानी से लगा सकते हैं. इसके लिए कोई बड़े खेत और जमीन की जरूरत नहीं होगी, इसे गमले में भी लगा कर उपयोग कर सकते हैं.
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कई तरह के औषधीय पौधों के बारे में बताएंगे, जिनको आप अपने घर में कहीं भी लगा सकते हैं. यह आपके हर बीमारियों में कारगर साबित हो सकता है.
जहानाबाद के गंधार स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्यरत डॉ. अभय कुमार ने पौधों की औषधीय गुणों के बारे में बारीकी से बताया. यहां पर 32 प्रकार के पौधे लगाए गए हैं. जानिए खासियत.
1. एलोवेरा : यह एक औषधीय गुणों से युक्त पौधा है. इसका उपयोग पाचन, जलन, दर्द, स्त्री रोग और सुंदरता में मुख्य रूप से किया जाता है. एलोवेरा का उपयोगी भाग पत्ती और गुदा है. इसे हिंदी में धृतकुमारी भी कहते हैं.
2. तुलसी: यह सभी घरों में पाया जाने वाला औषधीय पौधा है. इसका इस्तेमाल पाचन, सर्दी खांसी, उल्टी, गठिया और तनाव में किया जाता है. इसका उपयोगी भाग पत्ता है.
3. ब्रायोफाइल्म: यह भी औषधीय गुणों से युक्त पौधा है. इसे पत्थरचट्टा या पत्थरचूर भी कहा जाता है. जिस किसी को भी पथरी का रोग है, यदि आप इसकी पत्तियों का जूस बनाकर उपयोग करते हैं तो 15 से 30 दिन तक सेवन करते हैं तो पथरी का रोग खत्म हो सकता है.
4. ब्राह्मी: यह औषधीय पौधा है. यह हर्बल में उपयोग होता है. हेयर ब्लैक करने में यह काम करता है.
5. काली मूसली: यह भी काफी लाभकारी औषधीय पौधा है. इसका मुख्यतः कंद उपयोगी भाग है. इसके सेवन से पित, रक्त शोधक और वायु नाशक दूर हो सकता है.
6. अश्वगंधा: यह बहुत ही लाभकारी मेडिसिनल प्लांट है. इसका जड़ हमलोग सेवन करते हैं. जिस किसी को स्टेमिना की कमी है, वो इसका सेवन कर सकते हैं. शरीर में इसके सेवन से स्टेमिना ग्रो करता है.
7. अजवायन: अजवायन काफी लाभकारी औषधीय पौधा है. इसका पत्र उपयोगी भाग है. इसका सेवन से पाचन, लीवर की बीमारी दूर हो सकती है.
8. पुदीना: यह हर घरों में पाए जाने वाला औषधीय पौधा है. इसका संपूर्ण भाग उपयोगी है. इसके सेवन से जलन, शूलहर, स्वेधजलन दूर हो सकता है. इससे बाम, विक्स, मूव जैसी दवाइयां बनाई जाती है.
9. उड़हुल: यह भी एक प्रकार का औषधीय पौधा है. इसका भी उपयोग कई तरह की दवाई बनाने में किया जाता है.
10. आढ़ातोता वसीका: यह डायबिटीज मरीजों के लिए संजीवनी के समान है. इसका उपयोग डायबिटीज रोग की दवाई बनाने में किया जाता है.
11. मधुपत्र (Stebia): यह भी औषधीय पौधा है. इसका उपयोगी भाग पत्ता और तना है. इसके सेवन से मधुमेह रोग, चर्म रोग और दांत मसूड़ों के रोग दूर हो सकता है. इसे शुगर प्लांट कहा जाता है. इसमें शुगर 0 प्रतिशत रहता है और चीनी की तरह मीठा लगता है. शुगर फ्री की दवाइयां इसी से तैयार होता है.
12. सर्पगंधा: नाम से ही यह स्पष्ट हो गया है कि यह एक औषधीय पौधा सर्प के विष को दूर करने के लिए है. एंटी वेनम दवाई इसी से तैयार होता है. यदि सांप किसी को काट लेता है तो डॉक्टर जो इंजेक्शन लगाता है उसमें इसी का उपयोग होता है.
13. वनप्याज: यह भी एक प्रकार का औषधीय पौधा है. इसका उपयोगी भाग शल्यकंध है. यह हृदय रोग, खांसी, दमा और स्वांस संबंधी बीमारी में काम करता है.
सरकारी स्कूल के बच्चों ने भी समझा खेती का पैटर्न
बिहार दिवस के मौके पर सरकारी स्कूल के बच्चे कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. वे सभी इन औषधीय पौधों की खेती के बारे में विशेष रूप से समझा. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के अन्य वैज्ञानिक भी मौजूद रहे. उन्होंने भी कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे कार्यक्रम की बारीकी से जानकारी दी. बच्चों के साथ शिक्षक भी मौजूद रहे.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.