
कभी गर्म तो कभी ठंडा…सर्दी, जुखाम, बुखार, टाइफाइड का प्रकोप बढ़ा, ऐसे करें अपना बचाव
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Take care seasonal diseases : बदलते मौसम से लोगों में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इस मौसम में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके.

जिला अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़.
हाइलाइट्स
- बदलते मौसम में सर्दी, जुखाम, बुखार, टाइफाइड का प्रकोप बढ़ा.
- गर्म कपड़े पहनें और ठंडी चीजों का सेवन न करें.
- छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत.
अल्मोड़ा. पहाड़ों का मौसम धीरे-धीरे बदल रहा है, जिस वजह से कभी तेज धूप तो कभी अचानक से बारिश होने के बाद ठंड का एहसास हो रहा है. मौसम में परिवर्तन होने के साथ कई तरीके की बीमारियां भी बढ़ रही हैं. इसमें सर्दी, जुखाम, बुखार, टाइफाइड, पीलिया के साथ लगातार बदन टूटने आदि लक्षण देखने को मिल रहे हैं. जिला अस्पताल अल्मोड़ा के फिजिशियन डॉ. हरीश आर्य कहते हैं कि मौसम में परिवर्तन होने के साथ लोगों को कुछ बातों का ध्यान देने की जरूरत है. लोगों को इस मौसम में तुरंत गर्म कपड़े पहनना नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि कभी धूप तो कभी बारिश होने की वजह से मौसम में काफी बदलाव हो रहा है. लोगों को ठंडी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए जिससे उन्हें बीमार होने का खतरा बना रहता है.
घर से कम निकलें
फिजिशियन डॉ. हरीश आर्य के अनुसार, आजकल मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. कभी धूप तो कभी बारिश होने के वजह से ठंड हो रही है. जिस कारण से ठंड-गरम का मौसम हो रहा है. इसमें वायरल फीवर और संक्रमण तेजी से फैल रहा है जिस वजह से काफी संख्या में मरीज अस्पताल की ओर आ रहे हैं. इस मौसम में हर किसी को अपना ध्यान रखने की जरूरत है. हो सके तो इस मौसम में लोग घर से न के बराबर निकलें. अगर जरूरी काम है तब ही घर से बाहर जाएं. इस मौसम में लोगों को गर्म कपड़े पहने चाहिए ताकि उनके शरीर को गर्मी मिले. इसके अलावा अपने खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत है. खाना घर का ही खाएं और पानी उबाल कर ही पिएं.
इन्हें खतरा अधिक
डॉ. हरीश आर्य बताते हैं कि उनकी ओपीडी में काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं. उनमें से 25 से 30 मरीज वायरल इंफेक्शन के आ रहे हैं, जो बदलते मौसम का कारण है. ऐसे में सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और 60 साल से ऊपर के लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कम रहती है. इस वजह से उन्हें वायरल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है.