Sanstar Limited IPO Details; Price Band, GMP, Listing Update | सनस्टार लिमिटेड का IPO पहले दिन टोटल 4.23 गुना सब्सक्राइब: रिटेल कैटेगरी में 4.19 गुना भरा, आज बिंडिग का दूसरा दिन
4 घंटे पहले
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सनस्टार लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के सब्सक्रिप्शन का आज दूसरा दिन है। पहले दिन यह इश्यू टोटल 4.23 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में IPO 4.19 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 0.05 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 9.89 गुना सब्सक्राइब हुआ।
26 जुलाई को कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट होंगे। इस IPO के जरिए कंपनी ₹510.15 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए सनस्टार लिमिटेड ₹397.10 करोड़ के 41,800,000 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹113.05 करोड़ के 11,900,000 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
सनस्टार लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹90-₹95 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 150 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹95 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,250 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 14 लॉट यानी 2100 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹199,500 इन्वेस्ट करने होंगे।
ग्रे मार्केट में सनस्टार लिमिटेड का प्रीमियम 31.58%
लिस्टिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 31.58% यानी ₹30 प्रति शेयर के प्रीमियम पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹95 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹125 पर हो सकती है। हालांकि इससे केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।