Economic Survey 2024 will be presented in Parliament today| economic survey 2024 today, nirmala sitharaman | सरकार का अनुमान- GDP ग्रोथ 6.5 से 7% के बीच: इकोनॉमिक सर्वे में बताया- हर साल 78.5 लाख नौकरियां देने की जरूरत
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- आर्थिक सर्वेक्षण 2024 आज संसद में पेश किया जाएगा| आर्थिक सर्वेक्षण 2024 आज, निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली4 मिनट पहले
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी, सोमवार 22 जुलाई को लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में GDP ग्रोथ 6.5 से 7% रहने का अनुमान है । दोपहर 2:30 बजे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) अनंत नागेश्वरन की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। केंद्रीय बजट कल यानी 23 जुलाई को पेश होगा।
वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग हर साल केंद्रीय बजट से ठीक पहले संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करता है। इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है। सर्वे में पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए डेवलपमेंट की रिव्यू होता है। सर्वे इस बात की भी जानकारी देगा कि इस बार के बजट में क्या उम्मीद की जानी चाहिए।
इकोनॉमिक सर्वे में आमतौर पर दो वॉल्यूम होते हैं:
- इकोनॉमिक सर्वे, वॉल्यूम I: वैचारिक और विश्लेषणात्मक मुद्दों से जुड़ा है।
- इकोनॉमिक सर्वे, वॉल्यूम II: भारत की इकोनॉमी की स्थिति से जुड़ा है।
इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी 5 बड़ी बातें
- इकोनॉमिक सर्वे में आने वाले साल के लिए बजट प्रायोरिटीज की जानकारी होती है।
- डेवलपमेंट रिव्यू के साथ, उन सेक्टर्स को भी हाइलाइट करता है जिन पर जोर देने की जरूरत।
- सर्वे में आसपास हो रहे कई इश्यू का एनालिसिस रहता है और उनके कारण भी बताता है।
- इकोनॉमिक सर्वे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) के गाइडेंस में कंपाइल किया जाता है।
- 1950-51 से 1964 तक बजट के साथ पेश होता था। अब बजट से पहले पेश किया जाता है।
वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 8.2% रही थी
सरकार ने 31 मई को पूरे साल यानी, वित्त वर्ष 2024 के लिए GDP का प्रोविजनल एस्टिमेट जारी किया था। FY24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही थी। FY23 में GDP ग्रोथ 7% थी। वहीं RBI ने एक महीने पहले FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% किया था। RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 का महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा था।
लाइव अपडेट्स
4 मिनट पहले
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खाद की कीमतें कम हो सकती हैं
फर्टिलाइजर (खाद) की कीमतें कम हो सकती है। लेकिन मजबूत डिमांड और एक्सपोर्ट पर प्रतिबंधों के चलते यह 2015-2019 के स्तर से ऊपर रहेंगी।
4 मिनट पहले
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शेयर बाजार के मार्केट-कैप में बड़ा उछाल
भारतीय शेयर बाजार के मार्केट कैप में बड़ा उछाल देखने को मिला है। शेयर बाजार का GDP टू मार्केट कैप रेश्यो दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा है।
10 मिनट पहले
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FY26 तक राजकोषीय घाटा GDP का 4.5% या उससे कम होने की उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में बताया था कि वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा 5.1% रहने का अनुमान है जो कि 2023-24 से 0.7% कम है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि फाइनेंशियल ईयर 2025-26 तक राजकोषीय घाटा GDP का 4.5% तक रह जाएगा। इकोनॉमिक सर्वे में भी यह बात कही गई है।
23 मिनट पहले
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इकोनॉमी को हर साल 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत
इंडियन इकोनॉमी को बढ़ती वर्कफोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन-फार्म सेक्टर में 2030 तक सालाना औसतन लगभग 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है।
31 मिनट पहले
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फीमेल लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 6 साल से बढ़ रहा
रोजगार के मोर्चे पर, एनुअल PLFS के अनुसार, ऑल इंडिया अनएम्प्लॉयमेंट रेट में महामारी के बाद से गिरावट आ रही है। इसके साथ-साथ लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट और वर्कर-टू-पॉपुलेशन रेश्यू में बढ़ोतरी हुई है। जेंडर पर्सपेक्टिव से, फीमेल लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 6 साल से बढ़ रहा है, यानी, 2017-18 में 23.3% से बढ़कर 2022-23 में 37% हो गया है। इसे मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने ड्राइव किया।
35 मिनट पहले
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FY25 में GDP ग्रोथ 6.5 से 7% रहने का अनुमान
इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5 से 7% तक बताया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY24) में भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.2% से बढ़ने का अनुमान है।
41 मिनट पहले
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भारत की रियल GDP 8.2% की दर से बढ़ी
इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 में कहा गया है कि वैश्विक और बाहरी चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2023 में बनी गति को वित्त वर्ष 2044 में आगे बढ़ाया। व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने पर फोकस करने से यह सुनिश्चित हुआ कि इन चुनौतियों का भारत की अर्थव्यवस्था पर कम से कम प्रभाव पड़े। इससे, वित्त वर्ष 2024 में भारत की रियल जीडीपी 8.2% की दर से बढ़ी। ये लगातार तीसरा साल था जब GDP 7% से ज्यादा दर्ज की गई। स्टेबल कंजंप्शन डिमांड और इन्वेस्टमेंट डिमांड में सुधार ने GDP को ड्राइव किया।
06:32 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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जून में खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची
जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08% पर पहुंच गई है। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर है। अप्रैल में महंगाई 4.85% रही थी। वहीं एक महीने पहले मई में महंगाई 4.75% रही थी। वहीं वित्त वर्ष 2023-2024 के आखिरी महीने यानी मार्च में रिटेल महंगाई 4.85% रही थी।
06:24 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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जून में थोक महंगाई बढ़कर 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंची
जून में थोक महंगाई बढ़कर 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% पर पहुंच गई है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। वहीं, मई में थोक महंगाई बढ़कर 15 महीनों के ऊपरी स्तर 2.61% पर थी। इससे पहले अप्रैल 2024 में महंगाई 1.26% रही थी, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर था। वहीं मार्च में थोक महंगाई दर 4.85% रही थी।
06:21 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है?
हम उस देश में रहते हैं, जहां मिडिल क्लास लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है। हमारे यहां ज्यादातर घरों में एक डायरी बनाई जाती है। इस डायरी में पूरा हिसाब-किताब रखते हैं। साल खत्म होने के बाद जब हम देखते हैं तो पता चलता है कि हमारा घर कैसा चला? हमने कहां खर्च किया? कितना कमाया? कितना बचाया? इसके आधार पर फिर हम तय करते हैं कि हमें आने वाले साल में किस तरह खर्च करना है? बचत कितनी करनी है? हमारी हालत कैसी रहेगी?
ठीक हमारे घर की डायरी की तरह ही होता है इकोनॉमिक सर्वे। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है? इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है। इकोनॉमिक सर्वे को बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है।
06:20 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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सिंगल वॉल्यूम में आता था इकोनॉमिक सर्वे
पहले इकोनॉमिक सर्वे एक ही वॉल्यूम में पेश किया जाता था। 2014-15 से इसे दो वॉल्यूम में पेश किया जाने लगा। पार्ट A में पिछले वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था ने कैसा परफॉर्म किया इसकी जानकारी होती है। पार्ट B में गरीबी, सामाजिक सुरक्षा, ह्यूमन डेवलपमेंट, हेल्थ केयर और एजुकेशन, जलवायु परिवर्तन, ग्रामीण और शहरी विकास जैसे इश्यू होते हैं।
हालांकि 2021-22 का इकोनॉमिक सर्वे दो-वॉल्यूम फॉर्मेट से सिंगल वॉल्यूम प्लस स्टेटिकल टेबल के लिए एक अलग वॉल्यूम में शिफ्ट हो गया था। प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने इसे पेश करते हुए कहा था कि दो-वॉल्यूम वाले फॉर्मेट में नए विचारों और विषयों को लाने की जगह है, लेकिन लगभग 900 पेज में यह बोझिल भी होता जा रहा है।
06:19 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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इकोनॉमिक सर्वे कौन तैयार करता है?
वित्त मंत्रालय के अंडर एक डिपार्टमेंट है इकोनॉमिक अफेयर्स। इसके अंडर एक इकोनॉमिक डिवीजन है। यही इकोनॉमिक डिवीजन चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी CEA की देख-रेख में इकोनॉमिक सर्वे तैयार करती है। इस वक्त CEA डॉ. वी अनंत नागेश्वरन हैं।
06:18 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. वी अनंत नागेश्वरन (बाएं से तीसरे) प्रेस कॉन्फ्रेंस में इकोनॉमिक सर्वे 2023 प्रस्तुत करते हुए।
06:16 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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इकोनॉमिक सर्वे क्यों जरूरी होता है?
ये कई मायनों में जरूरी होता है। इकोनॉमिक सर्वे एक तरह से हमारी अर्थव्यवस्था के लिए डायरेक्शन की तरह काम करता है, क्योंकि इसी से पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है और इसमें सुधार के लिए हमें क्या करने की जरूरत है।
06:16 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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क्या सरकार के लिए इसे पेश करना जरूरी है?
सरकार सर्वे को पेश करने और इसमें दिए गए सुझावों या सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। अगर सरकार चाहे तो इसमें दिए सारे सुझावों को खारिज कर सकती है। फिर भी इसकी अहमियत है क्योंकि इससे बीते साल की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा पता चलता है।
06:14 पूर्वाह्न22 जुलाई 2024
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1950-51 में पेश हुआ था पहला इकोनॉमिक सर्वे
भारत का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में केंद्रीय बजट के एक भाग के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, 1964 के बाद से, सर्वे को केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया। तब से, बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे जारी किया जाता है।