NEET UG में 11 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को शून्य या उससे कम अंक, बिहार में सबसे कम अंक
नीट और परीक्षा: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से नीट परीक्षा का स्कोरकार्ड जब से जारी किया गया है. विवादों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट के आदेश पर शनिवार को परीक्षा के नतीजे दोबारा से जारी किए गए. ये नतीजे केंद्र-वार जारी किए गए. नतीजे आने के बाद पता चला कि नीट एग्जाम में 11 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों को शून्य या फिर उससे भी कम नंबर मिले हैं.
नीट यूजी परीक्षा में सबसे कम स्कोर -180 है. ये अंक बिहार के एक परीक्षा पर एग्जाम देने पहुंचे कैंडिडेट के हैं. इसके अलावा परीक्षा में 2,250 से अधिक उम्मीदवारों ने ‘शून्य’ स्कोर किया है. वहीं, 9,400 से ज्यादा कैंडिडेट्स के नंबर नेगेटिव में हैं. झारखंड के हजारीबाग के कई केंद्रों के उम्मीदवारों ने भी शून्य से कम अंक प्राप्त किए हैं, जहां से पेपर में गड़बड़ी संबंधी बात भी सामने आई थी.
क्या बोले अधिकारी
मामले में अधिकारियों का कहना है कि ‘शून्य’ स्कोर का मतलब यह जरूरी नहीं है कि खाली उत्तर पत्र जमा किए गए थे या फिर सवालों का अटेम्प्ट नहीं किया गया था. यह संभव है कि अभ्यर्थी ने कुछ सवालों का सही जवाब दिया और कुछ प्रश्नों का गलत जवाब दिया, जिसके कारण नेगेटिव स्कोर आया. नीट यूजी एग्जाम में सही जवाब पर अंक दिए जाते हैं, जबकि गलत उत्तरों के लिए एक अंक काट लिया जाता है. बिना प्रयास किए गए प्रश्नों के लिए कोई नंबर नहीं दिया जाता है या काटा जाता है.
लाखों कैंडिडेट्स ने किया था रजिस्ट्रेशन
रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान के सीकर के केंद्रों से 2,000 से अधिक उम्मीदवारों ने 650 से अधिक नंबर हासिल किए हैं. जबकि अन्य 4,000 ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए. सुप्रीम कोर्ट 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं के संबंध में कई याचिकाओं पर लगातार सुनवाई कर रहा है. नीट यूजी परीक्षा का आयोजन विदेशों के 14 शहरों में भी हुआ था. ये परीक्षा विदेशी केंद्रों समेत 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर हुई थी. एग्जाम के लिए 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन किया था.
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