ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के पहले भारतीय चीफ बनने के लिए तैयार रणधीर सिंह, चुनाव में बचे इकलौते कैंडिडेट
ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के अध्यक्ष पद के चुनाव में रणधीर सिंह का चुना जाना लगभग तय है, क्योंकि चुनाव में वह एकमात्र उम्मीदवार बचे हुए हैं।
रणधीर सिंह का ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया का चीफ बनना लगभग तय हो गया है। क्योंकि 8 सितंबर के चुनावों के लिए शीर्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार बचे हैं। अगर वह चीफ बनते हैं, तो ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के हेड बनने वाले पहले भारतीय बनेंगे। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के पूर्व सदस्य और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के पूर्व महासचिव 77 साल के रणधीर अभी महाद्वीप की शीर्ष ओलंपिक संस्था के कार्यवाहक प्रमुख हैं।
ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने बताया है कि ओसीए चुनाव आयोग पुष्टि कर सकता है कि ओसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह आठ सितंबर 2024 को आम सभा के चुनाव के लिए नामित होने वाले एकमात्र उम्मीदवार हैं। बयान के अनुसार भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता में चुनाव समिति ने आज ओसीए संविधान, चुनाव नियमों के अनुसार ओसीए के सदस्य एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) द्वारा 21 जुलाई 2024 की समय सीमा तक, प्रस्तुत सभी नामांकित उम्मीदवारों के सीवी और जरूरी आवश्यकताओं की समीक्षा करने के लिए बैठक की। कमेटी ने सर्वसम्मति से रणधीर सिंह के नामांकन को मंजूरी दे दी जिन्हें भारत के एनओसी द्वारा नामित किया गया था और ओसीए के 27 सदस्य एनओसी द्वारा समर्थित किया गया था।
मंगोलियाई ओलंपिक कमेटी के चीफ ने उम्मीदवारी से वापस लिया नाम
मंगोलियाई ओलंपिक समिति के अध्यक्ष बट्टूशिग बैटबोल्ड को चुनाव समिति द्वारा अयोग्य माना गया क्योंकि वह संविधान के प्रासंगिक अनुच्छेदों में निर्धारित पात्रता आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं। इसके अनुसार उम्मीदवार को या तो कम से कम आठ सालों तक अपने एनओसी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना चाहिए या कम से कम आठ सालों तक ओसीए कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य करना चाहिए और उसे दो एनओसी द्वारा समर्थित होना चाहिए। इसके बाद चुनाव समिति को मंगोलिया एनओसी के महासचिव द्वारा सूचित किया गया कि बैटबोल्ड ने ओसीए अध्यक्ष पद से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है।
निशानेबाजी करियर के दौरान जीते नेशनल खिताब
पंजाब के पटियाला में जन्मे रणधीर सिंह लंबे समय तक आईओसी के सदस्य और आईओए के अध्यक्ष रहे भलिंद्र सिंह के बेटे हैं। वे पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह के पोते हैं। अपने निशानेबाजी करियर के दौरान रणधीर ने स्कीट और ट्रैप दोनों स्पर्धाओं में कई नेशनल खिताब जीते। वे 1978 में बैंकॉक में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बने। रणधीर ने 1968 से 1984 तक मिश्रित ट्रैप में पांच ओलंपिक खेलों में भाग लिया। वे कर्णी सिंह के बाद पांच ओलंपिक में भाग लेने वाले दूसरे भारतीय थे। वह 1987 से 2012 तक आईओए के महासचिव रहे और 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के उपाध्यक्ष थे।
(Input: PTI)