एमपी सरकार की बड़ी योजना: मशीनरी इंजीनियर्स ने बनाया ये प्लान, 150 करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट
भोपाल. मध्य प्रदेश में वन्यजीवों पर घूमने वाले जंगली जानवर जी का जंजाल बन गए हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब किसी प्रदेश सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों की समस्या को उजागर करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी जा रही हो। जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार राज्य में 10 गौवंश आश्रम निर्माण की योजना बना रही है। यह विहार 500 ओकरा से 1 हजार लंगर में मिलेगा। इसमें बुलेट, शेड और अन्य दवाइयाँ दी गयीं। इसके लिए सरकार को हर गौवंश आश्रम के लिए 15 करोड़ रुपये की जरूरत है। यानी सरकार के निर्माण कार्य में कुल 150 करोड़ रुपये की लागत आई है।
पशु-पालन विभाग का कहना है कि यह पशु विहार राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट रहेगा। ताकि, बिल्डरों को सड़क से हटाकर वहां तक पहुंचाया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार आर्थिक मदद कर दे तो प्रदेश में मछुआरों की समस्या से निपटना आसान हो जाएगा। ये विहार रायसेन, मंदसौर, टीकमगढ़, अशोक नगर, नागपुर, रीवा में दो, नीमच और मऊगंज में मिलेंगे। बता दें, गौवंश विहार प्रदेश के लिए कोई नई बात नहीं है। सरकार इस कॉन्सेप्ट पर पहले से ही दो टैटू में काम कर रही है। सरकार ने पहले से ही रायसेन के लिए 23 लाख रुपये, रायसेन के लिए 20 लाख रुपये, मंदसौर और टीमगढ़ के लिए दस लाख रुपये मांगे हैं।
पहले चरण में कहां शुरू होगी योजना
भौत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के पहले चरण में पांच स्मारक अंकित किया गया है। भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पहले चरण में रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास और राजगढ़ में काम शुरू हुआ। इस योजना के तहत इस काम में टोल नाकों के कर्मचारियों की मदद ली जाएगी। टोल के साथ इलेक्ट्रॉलिक कैटल लिफ्टिंग मशीन को सड़क से शेल्टर में शिफ्ट किया गया। इसके बाद अन्य सजावटी में इस योजना का विस्तार किया जाएगा।
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पहले प्रकाशित : 22 जुलाई, 2024, 19:18 IST