क्राइम

चाहत के चक्कर में आधी दुनिया का चक्कर, पानी की तरह बहाया करोड़ों रुपए, आखिर में इस देश से मिली ‘किक’, अमेरिका…

हवाई अड्डा समाचार: अपनी एक चाहत पूरी करने के लिए पंजाब के तरनतारन में रहने वाले एक युवा ने आधी दुनिया का चक्कर लगाया। इस किशोर ने 50 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी पानी की तरह डाला। आख़िर में, यह युवा कजाकिस्तान के अलमाटी में सुरक्षा शदीब के हत्थे चढ़ गए थे, यहां इस युवा को ऐसी ‘किक’ मिली कि वह सीधे फिलामा की तिहाड़ जेल पहुंच गई। इस मामले के बाद इस लड़के की गिरफ़्तारी के बाद एयरपोर्ट पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

आईजीआई एयरपोर्ट की शौक़ीन उषा रंगनानी के मुताबिक, इस मामले की शुरुआत हुई तरनतारन (पंजाब) के नोरंगाबाद गांव से। दरअसल, इस गांव में रहने वाले गुरप्रीत सिंह की जिंदगी बेहतर थी और वह अमेरिका में रहते थे। अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए गुरप्रीत ने सुल डेटन के एजेंट से संपर्क किया। सुल डेमोक्रेटन ने सबसे पहले गुरप्रीत कोकोलकाता से वियतनाम आक्रमण किया। वियतनाम से गुरप्रीत अमेरिका के लिए प्रस्थान कर रहे थे। लेकिन, आगे की यात्रा की दृष्टि से न हो पाने की वजह से सुलतान ने गुरुप्रीत को भारत वापस बुला लिया।

वोट उषा रंगनानी के अनुसार, दिसंबर 2023 में सुलतान बबीता ने गुरप्रीत को एक बार फिर अपने खाते में कतर का सरदार और एयर टिकट थमा रेज्युमेण्ट दिया। इसके बाद, गुरप्रीत एयरपोर्ट से कतर के लिए प्रस्थान हो गया। गुरप्रीत कतर में दो दिन रुका, लेकिन एक बार फिर वह अमेरिका जाने में नाकामयाब रहा और वापस भारत आया। दो प्रयास में गुरप्रीत अमेरिका जाने में नाकामयाब रहा था। सुल लेबनान ने दोहा और ब्राजील के रास्ते गुरप्रीत को अमेरिका के पतन की तीसरी कोशिश की। गुरप्रीत एक बार फिर दोहा के लिए तीरंदाज हो गए।

डिकॉक ने बताया कि दोहा पहुंचने के बाद गुरप्रीत ब्राजील के लिए आक्रमण करने वाला था। दोहा हवाई अड्डे पर जांच के दौरान, गुरप्रीत के पासपोर्ट पर ब्राज़ील का जादूगर फर्जी पाया गया, जिसके बाद उसे एयरपोर्ट के लिए पासपोर्ट दे दिया गया। भारत यात्रा के बाद गुरप्रीत एक बार फिर सुल दान के करीब पहुंचे। इस बार सुल बिजनेसमैन ने उन्हें दुबई के रास्ते अमेरिका के बिजनेस की बात कही। तय तिथि पर वह दुबई के लिए अमृतसर हवाईअड्डे से भी रवाना हो गए। दुबई पहुंचने के बाद, उनकी मुलाकात सुल स्मार्टफोन्स के दोस्तों से हुई, जिन्होन ने उनके लिए निकारागुआ के सरदार और टिकटों की उपलब्धता की।

अगले ही कुछ दिनों में गुरप्रीत दुबई से निकारागुआ के लिए रवाना हो गए। दुबई से निकारागुआ के लिए फ्लाइट टेकऑफ करने के लिए ही गुरप्रीत को लगा कि शायद उसकी किस्तम इस बार उसका साथ दे रही है। लेकिन, ऐसा नहीं था. फ़्रांस में लेओवर के दौरान सुरक्षा निदेशालय को शिकायत मिली कि इस विमान में मौजूद सभी यात्री अवैध आप्रवासी हैं, जिसके बाद इस विमान को वापस दुबई भेज दिया गया। गुरप्रीत की अमेरिका जाने की चौथी कोशिश भी असफल रही। दुबई पहुंचने के बाद गुरप्रीत फिर भारत वापस आ गया।

इतनी असलियत में बदमाशों का सामना करने के बावजूद गुरप्रीत का अमेरिका जाने का जुनून मा नहीं हुआ। इसमें गुरप्रीत को भूटान से बैकॉक और डकार होने की बात अमेरिका यूक्रेनियन में हुई थी। गुरप्रीत किसी तरह डकार तक तो पहुंच गया। डकार में चार-पांच दिन रहने के बावजूद उनके अमेरिका जाने की प्रतिष्ठा नहीं हो पाई। जो एक बार फिर दुबई वापस आया। दुबई पहुंचने के बाद गुरप्रीत की छठी बार अमेरिका के जहाज़ की तलाशी ली गई।

वोट उषा रंगनानी के अनुसार, इस बार उसे अलामाती और ताशकंद के रास्ते अमेरिका के सैनिकों की कोशिश की गई थी। गुरप्रीत अलमाटी तक तो पहुंच गया, लेकिन वहां उसकी चोरी एक बार फिर से पकड़ ली गई और उसे एयरपोर्ट के लिए पोर्ट कर दिया गया। इसके साथ ही इस बार असंबद्धता ही गारप्रीत को एरा अमीरात ले जाया गया और उसके निशानदेही पर सुलतान को भी पीछे भेज दिया गया।

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