आपको भी नहीं हो रहे बच्चे? हो सकती है ये गंभीर बीमारी, 100 में से 10 लोग पीड़ित, 4 लक्षण दिखते ही जाएं अस्पताल
आजकल कम उम्र में भी मेल और फीमेल दोनों में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है. ऐसे में 30-35 की उम्र में भी लोग मां-बाप बनने के लिए तरस रहे हैं. भारत में बांझपन या इनफर्टिलिटी के पीछे एक चौंकाने वाली बीमारी सामने आ रही है. एम्स गायनेकोलॉजी विभाग के आंकड़ों को देखें तो पिछले कुछ सालों में कंसीव न हो पाने के चलते आईवीएफ के जरिए पेरेंट्स बनने के लिए आए करीब 100 में से 10 लोगों को जेनाइटल टीबी डायग्नोस हुई है, जो बच्चे पैदा करने में महिला और पुरुष दोनों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है.
एम्स नई दिल्ली में गायनेकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेबी शर्मा बताते हैं कि पिछले कुछ साल में एम्स में बच्चे न होने की परेशानी के चलते बहुत सारे महिला-पुरुष आईवीएफ तकनीक का सहारा लेने के लिए आए लेकिन उनकी जांच में पता चला कि अनुमानित 100 में से 10 महिला या पुरुषों को जेनाइटल ट्यूबरक्यूलोसिस की बीमारी है और यही वजह है जिसकी वजह से वे संतान सुख से वंचित रहे.
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जेनाइटल टीबी क्या है?
आपको बता दें कि जब टीबी का संक्रमण फैलोपियन ट्यूब से यूट्रस में फैल जाता है, तो इसे जेनाइटल टीबी कहा जाता है. यह स्थिति महिलाओं के जननांग, ओवरी और सर्विक्स को प्रभावित कर सकती है. इसे पेल्विक टीबी भी कहा जाता है. पुरुषों में जेनाइटल टीबी शुक्राणुओं को वीर्य तक पहुंचने में बाधा डालती है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है.
जेनाइटल टीबी के लक्षण
जेनाइटल टीबी के लक्षण अक्सर सामान्य नहीं होते, जिससे यह आसानी से पहचानी नहीं जाती. लेकिन फिर भी अगर 12 महीने तक बिना किसी प्रिकॉशन के कोशिश करने पर भी कंसीव नहीं हो रहा है और कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो यह जेनाइटल टीबी हो सकती है. इसके कुछ लक्षणों में वजन घटना, थकान और बुखार, मासिक धर्म में असामान्य रूप से अधिक खून बहना,असामान्य मासिक धर्म आदि. वहीं पुरुषों में पेट के निचले हिस्से में दर्द या गांठ, उल्टी, भूख में कमी, वजन कम होना और गहरे रंग का पेशाब हो सकता है.
गर्भधारण में बाधा
जेनाइटल टीबी की वजह से गर्भधारण में समस्या आती है. फिर चाहे वह पुरुष को जेनाइटल टीबी हो या महिला को हो. ऐसे में यह जरूरी है कि बांझपन, पुरानी पेल्विक दर्द और मासिक धर्म की गड़बड़ी वाले रोगियों की टीबी की जांच भी की जाए.
बहुत सारे मरीज करते हैं देरी
यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी की सीनियर कंसलटेंट डॉ. छवि गुप्ता बताती हैं कि जेनाइटल टीबी का समय पर पता लगना और उचित उपचार बेहद जरूरी है. अक्सर कंसीव करने की कोशिश में लगे दंपत्ति टीबी के लक्षणों से अनजान होते हैं और डॉक्टर तक पहुंचने में देर कर देते हैं. अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें. समय पर इलाज से इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आपको बार-बार गर्भधारण में समस्या हो रही है, तो यह जेनाइटल टीबी का संकेत हो सकता है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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पहले प्रकाशित : 25 जुलाई, 2024, 11:45 IST