मध्यप्रदेश
अब दमोह में एग्रीकल्चर और बायोटेक की पढ़ाई करें, इस कॉलेज की तुलना कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस से करें
04
यह इलाज कृषि प्रधान के बावजूद अभी तक जिले के किसी भी कॉलेज में एग्रीकल्चर सम्बधी विषय नहीं था। कारण कक्षा 12वीं के बाद आगे एग्रीकल्चर विषय को लेकर पढ़ने वाले बच्चे जिस महानगर में अपनी पढ़ाई करने को मजबूर थे। जो छात्र बाहर जाने में सक्षम नहीं थे, वे मजबूरन बी में छात्र लेने गए थे या फिर आगे की पढ़ाई छोड़ देते थे। ऐसे में बहुत से छात्रों को बी.एस.सी. के लिए आकाशगंगा, इंदौर, जबलपुर, भोपाल जैसे महानगरों में सहायक पढ़ाई करीने सामान वाली जगहें मिलीं। जहां फीस भी हाईफाई थी और रहने-खाने में अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके लिए नामांकित जिला पशुपालन कोचर भी ग्रामीण क्षेत्र के पंहुचकर ग्रामीण लोगों को समझा रहे हैं कि अब से अपने बेटे, बेटी को जिले के कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में ही पढ़ें।